वारेगांव ऐशबंड का बांध फिर से फूटा

कोराडी।

वारेगाव ऐशबंड का बांध फिर से फूटने की घटना सामने आई। इस घटना के मरम्मत का कार्य चल ही रहा था तो दूसरी जगह से फिर बांध टूट गया। तीन साल पूर्व ही इस ऐशबंड के बांध के रायझिंग याने उचाई बढ़ाने का काम अभी इंजीनियरिंग नामक कंपनी ने किया था। तब से अब तक कई बार यह बांध टूट चुका है। 15 दिन में तीसरी घटना तो इस साल की चौथी घटना बांध टूटने की है। बता दे कि मंगलवार को दिन में दो बार बांध टूट गया। इस बांध की ऊँचाई बढ़ाने का तथा ऐशबंड में राख छोड़ने का कार्य की देखरेख और मेंटनेंस का काम महाजेनको के सिविल विभाग और एएचपी विभाग देखती है। ऐश हैंडलिंग प्लांट के अधिकारियों की निष्क्रियता बारबार उजागर हो रही लेकिन फिर भी इस पर कोई महाजेनको कोई भी ठोस कदम नही उठा रही हैं। इस घटना से महाजेनको खापरखेड़ा के काम में हुए भ्रस्टाचार और लीपापोती सामने आई। ऐशबंड का बांध फूटने से बड़े पैमाने पर राख नालो में बही। ऐशबंड से सटे कवठा वारेगाव के गाववासी महाजेनको की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठा रहे।उन्होंने कई बार लिखित शिकायत भी की है। खापरखेड़ा बिजलीघर से निकले वाली राख को वारेगांव स्थित ऐश बंड में पाईपलाइन द्वारा छोड़ कर राख का भंडारण किया जाता है। किंतु बिजलीघर के अभियंताओं के अकार्य क्षमता के चलते ऐश भंडारण पिछले एक वर्ष में अबतक 4 बार फुट चुका है।बावजूद बिजलीघर के ऐश हैंडलिंग प्लांट के अभियंता मामले को गंभीरता से नही ले रहे। जिसका खामियाजा समीप के किसानों को उठाना पड़ रहा है। साथ ही भंडारण के बार बार फूटने से बिजलीघर को प्रतिवर्ष मरम्मत के लिए लाखों रुपयों का नुकसान भी उठाना पड़ रहा। जबकि महाजेनको ने राख निस्तारण को लेकर दर्जनों अधिकारियों की नियुक्ति कर रखी हैं। बावजूद भंडारण के बांध का बार बार फटना अधिकारियों की निष्क्रियता व भ्रष्टाचार को उजागर करता है।
2019 में 3 बार ऐश बंड का बांध फूटा था। राख मिश्रित पानी कवठा के किसानों के खेत मे जमा हो गया था। किसानों की फसलें भी पूरी बर्बाद हो गई थी। 2021 में भी अब तक तीन-चार बार फुट चुका है।

बांध फूटने पर केवल खाना पूर्ति कर बांध की मरम्मत की जाती रही। जिसकी कीमत महाजेनको को उठानी पड़ती है। पंधरा दिन पूर्व पोले के पड़वा के दिन भी बांध फूटा था। जिसे आननफानन में लीपापोती कर ठीक कर दिया गया था। मंगलवार को सुबह हुए बारिश के चलते बांध में दरार आने से बांध फूटा ऐसे बिजली घर के 500 मेगावाट एएचपी विभाग के अधिकारी का कहना है। बिजलीघर ने बांध फूटे जगह कोई बाहरी व्यक्ति न जा सके इसलिए वहां सुरक्षा गार्ड खड़े कर दीये। साथ ही पोकलेन मशीन से दरारे पाटने का काम शुरू किया गया। बताया जा रहा साढ़े तीन वर्ष पूर्व अभी इंजीनियरिंग कंपनी ने भंडारण की ऊँचाई बढ़ाने का कार्य किया था।बावजूद भंडारण का बार बार फूटना ऐश हैंडलिंग प्लांट के अधिकारियों की निष्क्रियता दर्शाता हैं।

इस संबंध में एग्ज़ीकेटिव्ह इंजिनियर शिंदे ने बताया की पहले तो ये दर्शाया जैसे उन्हें भंडारण फूटने का पता ही नही। बाद में बताया बारिश ज्यादा होने से बंड ओवर लोड हो गया। ऐश भंडारण में 500 तथा 210 यूनिट की राख को भंडारण किया जाता हैं। आनेवाले दिनों में 500 यूनिट की राख नांद गांव में भंडारण की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *