मुंबई। (एजेंसी)।
महाराष्ट्र में मंत्री नवाब मलिक व एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के बीच वार-पलटवार का खेल थम नहीं रहा है। गुरुवार को मलिक ने आरोप लगाया कि वानखेड़े व उनके परिवार ने उनकी मां की 2015 में मृत्यु के बाद दो मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए थे। एक प्रमाण पत्र में उनकी मां को हिंदू तो दूसरे में मुस्लिम बताया गया। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि वानखेड़े की मां जाहिदा का निधन 16 अप्रैल 2015 को हुआ था। उन्हें मुंबई के ओशिवारा कब्रिस्तान में दफनाए जाने का एक सर्टिफिकेट जारी हुआ, जिसमें उन्हें मुस्लिम बताया गया। महाराष्ट्र के मंत्री ने बताया कि इसके अगले दिन जाहिदा के परिवारजनों ने एक और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया, जिसमें उन्हें हिंदू धर्म की बताया गया। मंत्री मलिक ने अपने इस दावे को लेकर अपने ट्विटर हैंडल पर दोनों सर्टिफिकेट भी जारी किए। इसके बाद ही गुरुवार को मीडिया से बात की। मलिक ने सवाल किया कि एक ही परिवार की दो पहचान कैसे हो सकती है? मुंबई के स्थानीय निकाय से सत्यापित दस्तावेजों के साथ वह यह दावा कर रहे हैं।मलिक आरोप लगाते रहे हैं कि समीर वानखेड़े मुस्लिम के रूप में पैदा हुए हैं, लेकिन उन्होंने अनुसूचित जाति (एससी) का होने का दावा करते हुए केंद्र सरकार की नौकरी हासिल की है। उधर, वानखेड़े मलिक के इस आरोप का खंडन कर रहे हैं। राकांपा नेता मलिक पिछले माह मुंबई में क्रूज पर ड्रग पार्टी को लेकर एनसीबी द्वारा मारे गए छापे व आर्यन खान समेत 20 लोगों की गिरफ्तारी के बाद से वानखेड़े पर लगातार आरोप लगा रहे हैं। आर्यन व कुछ अन्य को बाद में जमानत पर रिहा किया जा चुका है।नवाब मलिक ने कहा कि 6 अक्तूबर के बाद से वह वानखेड़े को लेकर खुलासे कर रहे हैं कि कैसे उन्होंने आर्यन खान का अपहरण किया और 25 करोड़ की फिरौती मांगी और 18 करोड़ में सेटल किया। मलिक ने आरोप लगाया कि वानखेड़े ने अपने जन्म प्रमाण पत्र व स्कूल के दाखिले में भी बदलाव किया और नाबालिग होने के बाद भी परमिट का लाइसेंस प्राप्त किया। मलिक ने यह भी कहा कि यदि कोई धर्मांतरण करता है तो उसका गजट में प्रकाशन करना होता है, इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
वानखेड़े के परिवार पर नहीं लगाएंगे आरोप
गुरुवार को मलिक के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि मंत्री समीर वानखेड़े, उनके पिता या उनके परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ वह नौ दिसंबर तक कोई ट्वीट नहीं करेंगे या कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे। हाईकोर्ट ने उनसे पूछा था कि क्या उन्होंने वानखेड़े की जाति को लेकर जातीय छानबीन समिति के समक्ष कोई शिकायत कराई है? यदि ऐसा नहीं किया है तो वे मीडिया में प्रचार को लेकर उनका इरादा क्या है, एक मंत्री की इस तरह की बातें शोभा नहीं देती हैं।