नागपुर।(नामेस)। प्यार के झांसे में फंसाकर युवक ने नागपुर निवासी संगीता (बदला हुआ नाम) अपने साथ मेरठ ले गया. वहां जाकर उसका धर्म परिवर्तन कराकर नया नाम दे दिया गया. अपनी गलती का एहसास होने के बाद जब संगीता ने माता-पिता से संपर्क किया तो सच सामने आया. फिर पीडिता के परिवार ने शहर के बजरंग दल से संपर्क किया. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्वयं उत्तर प्रदेश के मेरठ जाकर धर्म विशेष लोगों के इलाके में जाकर संगीता को वापस ले आये. शनिवार सुबह ट्रेन से नागपुर पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने जय श्रीराम के नारे लगाकर अपनी खुशी जाहिर की. बजरंग दल ने इसे लव जिहाद का मामला बताया. पीडिता ने बताया कि उक्त युवक पीओपी का काम करने के लिए नागपुर आया था. उसकी एक सहेली के घर युवक से पहचान हुई थी. सहेली और युवक दोनों एक ही धर्म के है. पहचान बढ़ने के बाद उनके बीच प्रेम संबंध हुए. करीब डेढ़ वर्ष के बाद युवक ने शादी का प्रस्ताव रखा और मेरठ में रह रही अपनी मां से बात कराई. युवक की मां ने संगीता को अपने घर रानी बनाकर रखने का झांसा दिया और युवक के साथ भागकर मेरठ आने को कहा. पीडिता युवक और उसकी मां के झांसे में आ गई और करीब 5 महीने पहले घर से भाग गई. वह युवक के साथ पहले दिल्ली पहुंची. वहां उसके माता-पिता दोनों को लेने आये. फिर वे दिल्ली से मेरठ चले गये. मेरठ में 5 दिन रहने के बाद उनके धर्म के अनुसार शादी कराकर नया नाम आफिया दे दिया गया. संगीता का आरोप है कि कुछ दिन सब ठीक चला लेकिन इसके बाद सब बदल गया. उसे घर में ही कैद रखा जाता था, उनके अनुसार प्रार्थना करने का दबाव बनाया जाता था. यहां तक ना चाहते हुए भी मांस खाने को कहा जाता था. परेशान होकर उसने अपने परिवार को अपनी गलती की माफी मांगी और घर वापस आने की गुहार लगाई. मामला धर्म को होने के चलते पीड़िता की मां ने शहर के बजरंग दल से संपर्क किया.
पुलिस के बजाय स्थानीय दल की मदद ली
जानकारी मिलते ही दल के महामंत्री किशोर दिगोंडवार अपने कुछ साथियों के साथ संगीता को लाने के लिए नागपुर से मेरठ के लिए निकल पडे. वहां जाकर उन्होंने पुलिस के बजाय स्थानीय बजरंग दल के साथियों की मदद लेना ज्यादा उचित समझा. उनका प्रयास सफल रहा और संगीत को सकुशल वहां से निकाल लिया गया. उक्त कार्य में विलास पुणेकर, दिलीप संकोले, सोनू तिवारी समेत बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ताओं ने प्रयास किया.