लखीमपुर हिंसा के विरोध में महाविकास आघाडी द्वारा बंद

भंडारा।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में न्याय की मांग कर रहे किसानों को भाजपा के केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे की कार ने कुचल दिया।उत्तर प्रदेश पुलिस ने किसान की गोली मारकर हत्या कर दी। इस विस्फोट में आठ किसानों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार आरोपियों को मजबूत कर रही है। केंद्र और भाजपा शासित राज्य सरकारें देश के किसानों और आम लोगों पर लगातार अन्याय और अत्याचार कर रही हैं। इस घटना का पूरे देश में विरोध हुआ था। सोमवार को महाविकास आघाड़ी, भंडारा जिला कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और जय जवान जय किसान संगठन, संभाजी ब्रिगेडियर, प्रहार जनशक्ति और अन्य सहयोगी दलों के पदाधिकारियों की ओर से भंडारा बंद करने की मांग उस समय हुतात्मा स्मारक से भोंगड़े चाक, मोठा बाजार चैक से त्रिमूर्ति चाक तक, जिला परिषद चेक से अग्रसेन चेक तक, टाकिया वार्ड से राजीव गांधी चौक तक मुस्लिम लाइब्रेरी चाक, महल रोड से शीतला माता मंदिर रोड से खत तक रोड टू खोकरला से नाइक कोठी से गांधी चाक से पोस्ट ऑफिस, चाक से जे एम। पटेल कॉलेज रोड से बहिरंगेश्वर चौक से लेकर जिला कार्यालय चक तक शहर में तरह-तरह की बाइक रैलियां की गईं। जिसमें मोदी सरकार के खिलाफ और भंडारा शहर को बंद करने का ऐलान किया गया। इस घटना के विरोध में उत्तर प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर दिया गया और दोषी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई। महामहिम राष्ट्रपति, भारत सरकार, नई दिल्ली कलेक्टर भंडारा के माध्यम से बयान दिया गया.आंदोलन में राकांपा के जिलाध्यक्ष नाना पंचबुढे, प्रदेश महासचिव धनंजय दलाल, राज्य सचिव एड. जयंत वैरागड़े, कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष मोहन पंचभाई, मप्र कांग्रेस महासचिव जिया पटेल, म.प्र. कांग्रेस सचिव एड. शिशिर वंजारी, शिवसेना के वरिष्ठ पदाधिकारी नरेश डहरे, संजय रहपड़े, जय जवान जय किसान संगठन के अध्यक्ष सचिन घनमारे, महेंद्र गडकरी, यशवंत सोनकुसारे, सरिता मदनकर, मंजूषा बुरडे, एड. नेहा शेंडे, जयश्री बोरकर, कीर्ति गणवीर, पुष्पशीला कांबले, जिला प्रमुख अनिल गायधने, हिवराज उके, सदानंद इलमे, साथ ही व्यापार संघ के सभी पदाधिकारी राजू पटेल, सोनू खोबरागड़े, हेमंत महाकालकर, बल गभने, राहुल निर्वाण, विक्की रावलानी, बाबूराव बगडे, अधिवक्ता विनय मोहन पाशिन, सोयल अहमद, अरुण भेदे, डॉ. रवींद्र वानखेड़े, ईश्वर कलांबे, रूपेश खवास, गणेश चावधारी, सुरेश मेहर, लोकेश नागरे, चंद्रकांत कोहल, मुनेश्वर चकोले, ललित बिसेन, गणेश बनवार, मयूर पंचबुधे, निशिकांत बुरडे, प्रभु फेंडर, किशोर राउत, लांजेवर, अरुण अंबाडे, महमूद खान, विष्णु कधिखाये, गजानन बादशाह, संजय लंगेवार, प्रभाकर बोडेले, इमरान पटेल, अमन मेश्राम, रोशन वासनिक, अनिल सुखदेव, मूलचंद ईश्वरकर, मंगेश हमने, नरेंद्र साकुरे, निखिल पनबुडे, प्रेमदास वनवे, मो. ताहिर शेख सहित अन्य सहयोगी दल के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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