देवलापार।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में शहीद किसानों की हृदयविदारक घटना के सभी संदिग्धों की तत्काल पहचान करने और आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज करने के संबंध में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ग्राम पंचायत नेरला के सदस्य रोशन मेश्राम ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन उपविभागिय अधिकारी मौदा के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को भेजा गया।उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को आंदोलन के बाद घर लौट रहे चार पहिया वाहनों द्वारा किसानों को कुचलने की दिल दहला देने वाली घटना से देश भर के नागरिकों में शोक और आक्रोश है। घटना से एक दिन पहले पूरे देश में अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती मनाई गई। अगले ही दिन लखीमपुर खीरी में हमारे अन्नदाताओं की जीस घटनाक्रम में हत्या की गई वह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य है। आंदोलन करने वाले किसान हमारे अपने नागरिक हैं। यदि किसान कुछ मुद्दों के कारण पीड़ित हैं और वे अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आंदोलन कर रहे हैं, तो केंद्र या राज्य सरकार को उनके साथ अत्यंत संयम और संवैधानिक तरीके से व्यवहार करना चाहिए। किसी भी मामले में, हमें अपने किसानों के साथ संवेदनशील और केवल कानून के दायरे में अहिंसक और लोकतांत्रिक तरीके से व्यवहार करना चाहिए। इस घटना में शहीद हुए किसानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। यह जानकारी ग्राम पंचायत सदस्य रोशन मेश्राम समेत प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस वार्ता में दी।इसके साथ और ज्ञापन में, रोशन मेश्राम ने महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया कि सीबीआई ने इस घटना में शामिल सभी संदिग्धों की तत्काल पहचान कर दोषियों के खिलाफ आईपीसी एक्ट की धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज करें। साथ ही इस संदर्भ में सीबीआई को माननीय सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कानूनी कार्रवाई करने के लिए एक जांच समिति का गठन करना चाहिए ताकि प्रभावित किसानों के परिवारों को न्याय मिल सके। जिससे समय-समय पर निष्पक्ष जांच कर दोषियों को दंडित करने में आसानी हो। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी प्रदान करनी चाहिए। कृपया सुनिश्चित करें कि भविष्य में किसानों के साथ ऐसा अन्याय या अन्य अत्याचार न हो।उपमंडल अधिकारी मौदा के कार्यालय में नायब तहसीलदार नवनाथ कातकड़े ने ज्ञापन को स्वीकार किया। प्रतिनिधिमंडल में रोशन मेश्राम के साथ मनोज कांबले, राजेश गेडाम, मनोज कडू, मनोहर भिवगड़े, शुभम भगत, हर्षल चोपकर और सौरभ चोपकर उपस्थित थे।
रोशन मेश्राम, सदस्य ग्राम पंचायत नेरला का कहना हैं कि, केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल बनाए गए तीन किसान विरोधी काले कानूनों को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। दुनिया के यह पहले ऐसे कानून है जिसे किसानों के ऊपर गाड़ियां चढ़ा चढ़ा कर समझाया जा रहा है कि ये तुम्हारे भले के लिए है। और किसान कहता है हमें ये काले कानून नहीं चाहिए।
मनोहर भिवगडे, युवा किसान, नेरला-
राहुल गांधी को लखीमपुर जाने से रोकने के लिए पूरी पुलिस फोर्स लगा दी गई थी, और संदीग्ध आरोपियों को देश से भागने के लिए खुली छूट दे दी गई। क्या यहीं लोकतंत्र है?