रेलवे को भारी पड़ता है रियायतें देना

 नई दिल्ली। (एजेंसी)। कोरोना महामारी के चलते अपने इतिहास में पहली बार कुछ समय के लिए बंद हुई रेलवे अभी भी अपने पुराने रेवेन्यू पर वापस नहीं लौटी है। ये जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से पैदा हुई चुनौतियों के कारण वर्ष 2020-21 में कुल यात्री राजस्व कोविड पूर्व अवधि (2019-20) की तुलना में कम है। इस दौरान रेल मंत्री अश्चिनी वैष्णव ने संसद में कहा कि यात्रियों को रियायतें देने की लागत रेलवे पर भारी पड़ती है, इसलिए सभी श्रेणी के यात्रियों के लिए रियायतों का दायरा बढ़ाना फिलहाल वांछनीय नहीं है। उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी और कोविड दिशानिर्देश (प्रोटोकॉल) के मद्देनजर 20 मार्च 2020 से भारतीय रेल ने केवल दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, मरीजों की 11 श्रेणियों और छात्रों की ही रियायत जारी रखी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए गाड़ियों के अंदर लिनेन और पर्दे उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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