रेमडेसिवीर इंजेक्शन का शार्टेज या काला बाजार

जहा एक ओर कोरोना महामारी त्राही त्राही मचा रही है वही अब कुछ बडी कंपनीया व व्यवसायी मौके का फायदा उठाकर माल कमाने की जुगत मे लग गये ऐसा ही मामला पीछले कुछ दीनोसे उजागर हो रहा है जो की हजारो नही लाखो करोडो कोरोना ग्रसीत मरीजोकी जानसे खेलने पर उतारू है और जीस नाही कीसी सरकारो का ध्यान है ना ही समाजसेवीको इस ओर ध्यान देने की फुर्सत है

ज्ञात हो की कोवीड़ 19 वायरल इंन्फेक्शन का प्रभाव मनुष्यके फेफडो को संक्रमीत कर निमोनीया जैसे घातक बीमारीयो की और धकेलकर मरीजको लंग्स मे इफेक्ट कर उसके शरिर मे आँक्सीजन की मात्रा को कम करता है कोरोना सहीत इस प्रकारके वायरल ईंन्फेक्शन करगर ऐसा “रेमडीसिवीर” यह इंजेक्शन बहोत प्रभावी तौरपर कार्य करता है ऐसे जानकारो का मानना है तथा फीलहाल कोरोना मरीजोके लीये तो यह कीसी संजीवनी से कम नही.जिसके चलते मरिजके शरीर मे एँन्टिबाँडीज तयार होकर उसे कोवीड़ वायरल से लढने मे आंतरिक मजबुती प्रदान करती है.ईसी “रेमडीसिवीर”इंजेक्शन की बाजार मे किल्लत मची हुयी है जहा एक कोरोना मरिजोको 6 इंजेक्शन लगना जरुरी होता वहा एक एक इंजेक्शन के लीये उन्हे दर दर भटकना पड रहा है.
पिछले सप्ताह तक हालत सामन्य थे और विविध कंपनीयो व्दारा निर्मीत “रेमडेसीवीर” ₹ 900 से 1400 तक कीसीभी मेडीसीन मे सहजतासे उपलब्ध हो जाता था कींतू राज्यकी एफडीआय व ड्रग कंट्रोलींग एजन्सी व्दारा इस इंजेक्शन को बाजार की खुदरा दवाई की दुकानोसे एकदम हटा देनेसे इस इंजेक्शन की कालाबाजारी अचानक बढ गयी और ₹900,1000 मे मीलनेवाले इस इंजेक्शन के बदले पाच दस हजार रुपये तक लुटे जारहे है यही हालात बने रहे तो यह इंजेक्शन दस हजारसे उपर भी बिक सकता है और लोग लेंगे ही क्योकी उन्हे अपनो की जान जो बचाना है.

कोवीड़ केअर सेंटरोने भी हाथ खडे कीये

एक ओर घातक रुप ले रहे कोरोना ग्रसीत अपने आपको इस संक्रमण से बचाने हेतु महेंगे नीजी कोवीड़ सेंटरो मे भर्ती हो रहे वही बेड खाली न होने का रोना रोकर लाखो रुपये पहले जमा करवाकर इलाज करणे की गारंटी लेने वाले निजी सेंटर भी अब अपने पास रेमडीसिवीर इंजेक्शन न होनेकी बात कह मरीजोके परीवार का इंम्तहान ले रहे हे ऐसी जानकारी निकलकर आरही है
हर मोर्चे पर विफल राज्य सरकार
कोरोना महामारी के बढते संक्रमण से निपटनेमे एक ओर राज्य सरकार पुरी तरह से हतबल और विफल नजर आरही है ऐसेमे ही इन जिवन सुरक्षा इंजेक्शनो की भारी किल्लत को दुर करानेमे भी नाकाम सीद्ध होती नजर आरही है.ऐसेही हालत बने रहे तो कोरोना तथा अन्य वायरस से संक्रमीतो का तो भगवान ही मालीक है

राज्यके कोरोना मरीजोके परिवारसे राज्य के मुख्यमंत्री,स्वास्थ मंत्री तथा आला मंत्रीयो से गुहार लगाई जारही है की अनेक दवा निर्माण करणेवाली कंपनीयो को तथा एफडीआय,ड्रग कंट्रोलींग विभाग आदीव्दारा कंपनी,स्टाकिस्ट एंव रिटेलर एसी चेन बनाकर उक्त जिवनदायनी दवा उपलब्ध कराये या बाजार मे नही तो कमसेकम कोवीड़ सेंटरो को रोजानाके मरीजो अनुसार तथा मरीजोको डाँक्टरोके प्रस्क्रींशन पर उक्त दवा उपलब्ध हो जीससे इस दवाकी कालाबारी बंद हो तथा वे अपनोकी जान बचा सके ऐसी मांग उठने लगी हे

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