रेत की रॉयल्टी के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया.

बुधवार की सुबह नागपुर झोन 5 के डीसीपी निलोतपाल इनके मार्गदर्शन में इनके टीम ने कोराडी मार्ग पर सुबह 6 बजे से 10 बजे तक नाकाबंदी और पेट्रोलिंग कर एक मिट्टी से भरा ट्रक और 11 रेती से भरे ट्रक को पकड़कर कोराडी थाने में जमा कर दिए.

इस कार्यवाही के बाद नागपुर जाने वाले सभी रेती की गाड़ियां रेतमाफियोने पकड़े जाने के डर से रोक दिए. दोपहर तक कोराडी थाने में रेत सप्लाय करनेवाले ट्रांसपोर्टर पहुचे. इस कार्यवाही पर उन्होंने रोष व्यक्त कर कोराडी के थानेदार जयंत गंगावने को निवेदन देकर गाड़िया छोड़ने की मांग की. डीसीपी निलोतपाल भी कोराडी थाने पहुचे. सभी गाड़ियों के पेपर , रेत की रॉयल्टी और गाड़ी में रेत की मात्रा चेक की तो 2 गाड़ियों में प्रमाण से अधिक रेती पाई गई. 5 गाड़ियों में रॉयल्टी को लेकर संदेह पाया गया जबकि बचे 5 गाड़िया नियमानुसार सही पाई जाने से उन्हें छोड़ दिया गया. इस संदर्भ में डीसीपी निलोतपाल से बात करने पर उन्होंने बताया कि संदेह पाई गई रॉयल्टी के संदर्भ में जिल्हाधिकारी कार्यालय से संपर्क साधा गया है उनके जवाबी कारवाही के बाद ही आगे की कार्यवाही कोराडी थाने से की जायेगी.
रेती परिवहन में पकड़े गए ट्रक के पाचो मालिकों ने सावनेर तहसील के टेमबुरडोह और करजघाट रेतिघाट की रॉयल्टी पेश किए गए जिनमे नागपुर का उल्लेख था. जब इन रॉयल्टी की ऑनलाइन जांच की गई तो ऑनलाइन में नागपुर की जगह जलगांव और बुलढाना पाया गया. एक रॉयल्टी का उपयोग कर उसी रॉयल्टी से दिनभर में 3 बार से अधिक नागपुर में रेती डालने का कार्य चल रहा यह बात डीसीपी निलोत्पाल के समझ मे आने से उन्होंने पाचो गाड़िया छोड़ने से इनकार कर आगे की कार्यवाही हेतु थाने में जमा करवा दिए. ओवरलोड ट्रको पर फैन चार्ज और आगे की अधिक कारवाही करने हेतु नागपुर आरटीओ से संपर्क साधा गया है. जीपीआरएस की जांच भी कराई जानेवाली है. बताया जा रहा कि रेती परिवहन के दरम्यान ट्रक का जीपीआरएस सिस्टम बंद किया जाता है. ईसवजह से ट्रक मालिक एक रॉयल्टी का उपयोग दिन में कई बार करते है. जबकि जीपीएस सिस्टम चालू रखना अनिवार्य है. कुछ ट्रक मालिक का कहना था कि रेतघाट मालिक पर ही एफआईआर दाखिल किया जाना चाहिए. वे लोग अगर रॉयल्टी का उपयोग दुबारा न करने दे तो ऐसी नौबत नही आ सकती.
किसी व्यक्ति ने डीसीपी निलोत्पाल को रेत की अवैध परिवहन बड़े पैमाने पर रोजाना होनेकी बात बताई थी. और इसी वजह से उन्होंने अपनी टीम को कारवाही हेतु भेज दिया था. रॉयल्टी में आये संदेह के चलते अब सावनेर तहसील के रेतिघाटो पर सवालिया निशान खड़े हुए है. सावनेर महसूल विभाग की कार्यप्रणाली और इन परिसर के थानों की भी कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे. सावनेर तहसील के सभी रेती घाटो में पोकलेन मशीन से रेत निकली जा रही और रेतिघाटो में ही ट्रको में भरकर निकला जा रहा जबकि सरकारी आदेशानुसार रेतिघाटो में पोकलेन मशीन और ट्रको का उपयोग वर्जित है. रेती घाटो में रेत की निकासी घमेलो में भरकर हैण्डलोडिंग कर ट्रैक्टरों में भरकर रेटिघाट से बाहर निकलने का प्रावधान है.

कन्हान रेती घाटो से हो जमकर रेत की उगाही….
सावनेर से होकर गुजरने वाली लोगो की जीवनदायनी कन्हान नदी में स्थित रेतीघाटो से जमकर रेती उगाही हो रही. हाल ही तहसील क्षेत्र से 7 रेती घाटो को उच्चतम बोली लगाकर खरीदा गया लेकिन अभी तक रेती निकासी की प्रक्रिया शुरू नही हुई. लेकिन रोजाना दिन रात पोकलेन मशीन लगाकर रेत की निकासी बड़े पैमाने पर शुरू है. नदी में पोकलेन मशीन उतारकर रेत का उत्खनन कर उसे नदी में ही बड़े ट्रको में डालकर बाहर निकलना नियमो के खिलाफ है. इस नियम की धज्जियां उड़ाने का काम सावनेर तहसील के सभी रेती घाटो पर जमकर चलकर रहा है. अधिकतर रेत माफियाओ ने एकसाथ बैठकर टीमें बनाकर आपस मे रेतिघाटो का बटवारा कर अवैध रेती की उगाही शुरू कर दी है. करीब रोजाना 14 से भी अधिक पोकलेन मशीन से करीब 624 ट्रक रेती करिब 2500 ब्रास रेती 8000 हजार रुपये ट्रक के हिसाब से 50 लाख रुपये में बाहर बेची और स्टॉक की जा रही है. यह आंकड़ा इससे भी अधिक होने का अंदेशा है. फुल सेटिंग से यह अवैध कारोबार जोरशोर से चल रहा. शोशल मीडिया में रोजाना हो रही रेत उत्खनन की तस्वीर जागरूक लोगो द्वारा प्रसारित की जा रही है. लेकिन सावनेर राजस्व विभाग और पुलिस विभाग खुद को इस जानकारी से अभिगन्न बता रही. रेती घाटो की नीलामी को लेकर केंद्र सरकार ने कुछ नियमावली बनाई है इस नियमावली को राज्य सरकार द्वारा सुचारू रूप से अपनाना अनिवार्य है. इस अनुरूप जिल्हाधिकारी द्वारा दिये गए दिशानिदेश का पालन कागजी कुड़ेदानी में पड़े हुए है.
रैंप बनाने का कार्य शुरू सावनेर तहसील के नीलामी में खरीदी गई कुछ रेती घाटो से रेत निकासी के लिए रैम्प बनाने का कार्य शुरू हुआ है. जिन रेत घाटो से रेत परिवहन के लिए दिक्कते हो रही ऐसे जगहों से रास्ता बनाने का कार्य चल रहा. इनमे ऐसें भी रेत घाट जिसकी परमिशन भी अभी तक नही आई है वहा भी रैम्प बनाने का कार्य शुरू है

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