रूस का साथ देगा भारत

यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण उसे पूरी दुनिया से अलग किया जा रहा है. रूस पर अमेरिका, यूरोप और दुनिया के कई देशों ने तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. रूस से निर्यात होने वाले कोयले और कच्चे तेल  को नहीं खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है जिसका उसकी इकोनॉमी में बड़ा योगदान है. हालांकि, रूस के पुराने दोस्त भारत ने इस संकट के वक्त उसका साथ देने का फैसला किया है. भारत के स्टील मिनिस्टर रामचंद्र प्रसाद ने कहा कि हम रूस से कोकिंग कोल का इंपोर्ट डबल करने की योजना बना रहे हैं.  रिपोर्ट के मुताबिक, स्टील मिनिस्टर रामचंद्र प्रसाद ने कहा कि भारत रूस से कोकिंग कोल आगे भी खरीदता रहेगा. हम रूस से कोयले के आयात को डबल करने की योजना बना रहे हैं. भारत ने अब तक 4.5 मिलियन टन कोकिंग कोल का आयात रूस से किया है. हालांकि, यह नहीं बताया गया कि यह आयात कब से कब तक किया गया है.

रूस पर यूरोप और अमेरिका ने कड़े प्रतिबंध लगाए हैं

यूक्रेन क्राइसिस के कारण जापान, अमेरिका और यूरोप के देशों ने रूस पर बहुत कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. भारत रूस से बड़े पैमाने पर रूस से कमोडिटी, हथियार का आयात करता है. यूनाइटेड नेशन की वोटिंग के दौरान भारत ने रूस के खिलाफ वोटिंग नहीं की और परोक्ष रूप से अपना समर्थन दिखाया है. सिंह ने कहा कि युद्ध के कारण रूस से कोकिंग कोल की सप्लाई प्रभावित हुई है.

1 मिलियन टन कोकिंग कोल अभी रास्ते में है

रूस से खरीदे गए 1.06 मिलियन टन कोकिंग कोल अभी जहाज पर रास्ते में है. उम्मीद की जा रही है कि यह इस महीने के अंत तक यह पहुंच जाएगा. कोकिंग कोल का इस्तेमाल स्टील इंडस्ट्री में होता है. वहीं, थर्मल कोल का इस्तेमाल इलेक्ट्रिसिटी पैदा करने में होता है. कंसल्टेंसी फर्म केपलर के मुताबिक, रूस से आयात होने वाला 1 मिलियन टन कोकिंग कोल जनवरी 2020 के बाद रिकॉर्ड स्तर पर है.

डिस्काउंट ऑफर कर सकता है रूस

कोकिंग कोल और थर्मल कोल की बात करें तो रूस भारत का छठा सबसे बड़ा सप्लायर है. यूरोप ने रसियन कोल इंपोर्ट से मना कर दिया है. ऐसे में रूस चीन और भारत को और कम कीमत पर कोकिंग कोल और थर्मल कोल एक्सपोर्ट कर सकता है. इसके अलावा दोनों देशों के बीच रूबल-रूपी में ट्रेडिंग की तैयारी चल रही है.

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