रास से पारित हुआ बांध सुरक्षा विधेयक

नई दिल्ली. राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर गुरुवार को भी उच्च सदन में हंगामा हुआ. निलंबित सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया. सरकार सांसदों से माफी की मांग कर रही है, लेकिन वे इससे इनकार कर रहे हैं. इस दौरान देश में प्रमुख बांधों की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रावधानों वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को गुरुवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई तथा सरकार ने यह स्पष्ट किया कि इस विधेयक के जरिये किसी राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. उच्च सदन ने सरकारी संशोधनों के साथ बांध सुरक्षा विधेयक को पारित कर दिया. इस विधेयक पर विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गये संशोधनों को सदन ने खारिज कर दिया. जिनमें द्रमुक के तिरूचि शिवा द्वारा लाया गया संशोधन प्रस्ताव भी शामिल है. शिवा के संशोधन प्रस्ताव को सदन ने 26 के मुकाबले 80 मतों से खारिज कर दिया. विधेयक पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बांध सुरक्षा का यह विधेयक ‘पवित्र भाव’ से लाया गया है और यह राज्यों के अधिकारों, पानी और बिजली के साथ ही बांधों के मालिकाना हक पर प्रश्नचिन्ह खड़ा नहीं करता. शेखावत ने विपक्षी दलों के उन आरोपों को खारिज किया कि केंद्र को जल से जुड़े विषय पर कानून बनाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद को देश के लोगों की सुरक्षा के विषय पर कानून बनाने का अधिकार है.
 
सदन की कार्यवाही बाधित किए बगैर जारी रहेगा धरना
शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सांसदों के मसले पर विरोध प्रदर्शन को लेकर विपक्ष ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है. जानकारी के मुताबिक वह संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में बाधा डाले बगैर गांधी प्रतिमा के पास धरना जारी रखेंगे. जानकारी के मुताबिक विपक्षी नेताओं ने सदन की कार्यवाही बाधित किए बगैर प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने का भी फैसला किया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *