राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष का शुभारंभ

उद्घाटन समारोह में पालक अधिकारी तथा अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख मा. मंगेश जी भेंडे ने देशभर से आए शिक्षार्थियों को कहा कि संघ शिक्षा वर्ग में आए शिक्षार्थियों की भाषा अलग अलग होती है, किंतु सभी के हृदय की भाषा एक होती है. इस एकात्मता से सभी भाषा समझ लेते हैं और कोई समस्या नहीं होती।यही संघ शिक्षा वर्ग की विशेषता है. शिक्षार्थी अगले पच्चीस दिन यहां मिलकर रहेंगे। जब वर्ग समाप्त होकर जाने लगते हैं तो आपस में गले लगाकर रोने लगते हैं।

उन्होंने कहा कि मन में श्रद्धा और समर्पण के साथ साधना में लगेंगे तो कार्य में सफल होंगे। मन में कार्य के प्रति, विचार के प्रति श्रद्धा होनी चाहिए। जब श्रद्धा होती है तो कुछ भी संभव हो सकता है और उसी से ज्ञान की प्राप्ति भी होती है। जीवन में समय का सदुपयोग करते हुए अपने जीवन को सार्थक करने संघ शिक्षा वर्ग में शिक्षार्थी आते हैं।

वर्ष १९२७ में हुए प्रथम संघ शिक्षा वर्ग का उल्लेख करते हुए मंगेश जी भेंडे ने बताया कि नागपुर में महल स्थित केंद्रीय कार्यालय के पास पुराने मोहिते बाड़ा में हुए इस वर्ग में कुल सत्रह स्वयंसेवक सहभागी थे और वर्ग चार दिनों का था।तब से अब तक वर्ग निरंतर लगते आए हैं। इनमें १९४८ और १९७७ में संघ पर लगे प्रतिबंध और कोरोना काल का समय केवल अपवाद रहा है।

उद्घाटन समारोह में तृतीय वर्ष शिक्षा वर्ग के अधिकारियों का तथा उपस्थित अखिल भारतीय अधिकारियों का परिचय करवाया गया। पुष्पार्चन पूर्व सरकार्यवाह भय्याजी जोशी द्वारा हुआ।

वर्ग में ७३५ प्रशिक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं।३५ प्रांत प्रमुख और ९६ शिक्षक रहेंगे. पथ संचलन २१ मई सायं होगा। वर्ग का समापन २ जून २०२२ को होगा।

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