राम मंदिर उद्घाटन के दौरान हो सकती है गोधरा जैसी घटना – कुछ भी कर सकती है भाजपा: संजय राउत

उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि राम मंदिर के उद्घाटन से पहले गोधरा जैसी घटना होने की आशंका लोगों को सता रही है। उन्होंने कहा कि लोगों के दिमाग में यह डर है कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले गोधरा दंगे जैसी घटनाएं हो सकती हैं। बता दें कि राम मंदिर का उद्घाटन 2024 के आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही होना है। संजय राउत ने मुंबई में कहा, ‘जनता और कुछ नेताओं के दिमाग में यह डर है कि जो पार्टी चुनाव जीतने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ड्रामा कर सकती है, वह कुछ भी कर सकती है।’
संजय राउत ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी आरोप लगाया था कि 2019 का पुलवामा अटैक असल में हुआ नहीं था बल्कि कराया गया था। ऐसी ही चीजें 2002 के गोधरा दंगों को लेकर भी कही जाती हैं। चर्चा की जाती है कि वे दंगे भी कराए गए थे।’ संजय राउत असल में गोधरा में कारसेवकों से भरी ट्रेन की एक बोगी फूंके जाने की घटना का जिक्र कर रहे थे। इस घटना में 50 से ज्यादा लोग जिंदा जल गए थे और फिर गुजरात के कई हिस्सों में दंगे भड़क गए थे। बता दें कि फरवरी 2019 में पुलवामा में हमला हुआ था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी।
भारतीय सेना का कहना था कि सीमा पार जाकर कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया है। संजय राउत ने कहा, ‘हमारे दिमाग में डर है। राम मंदिर के उद्घाटन के मौके पर बड़ी संख्या में लोग ट्रेनों से अयोध्या जाएंगे। इस दौरान कुछ इलाकों में ट्रेनों पर पत्थर फेंके जा सकते हैं या लोगों पर अटैक हो सकते हैं। इसके बाद भाजपा की ओर से दंगे भड़काए जा सकते हैं। कुछ राजनीतिक दलों और लोगों के दिमाग में यही डर है।’ उद्धव ठाकरे के करीबी ने कहा कि भाजपा के पास 2024 के लिए कोई एजेंडा नहीं है। इसलिए वह सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकती है और चुनाव के लिए दंगे तक कराए जा सकते हैं।
‘2014 में मूर्ख बनाया और 2019 में रचा सर्जिकल स्ट्राइक का ड्रामा’
शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने 2014 में लोगों को मूर्ख बनाया था। फिर 2019 में उसने सर्जिकल स्ट्राइक का ड्रामा रच दिया और सांप्रदायिक तनाव बढ़ा दिया। अब 2024 में वह फिर से सांप्रदायिक तनाव को भड़काना चाहते हैं। देश में बेरोजगारी और महंगाई जैसे कई गंभीर मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा करनी चाहिए। लेकिन भाजपा इनकी बजाय सांप्रदायिक दंगों का ही सहारा ले सकती है। हम इस बारे में सजग हैं और जनता को भी जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं।

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