नागपुर।(नामेस)। राम नाम के दोनों अक्षर मधुर और मनोहर हैं. जो वर्णमाला रूपी शरीर के नेत्र हैं. भक्तों के जीवन हैं तथा स्मरण करने में सबके लिए सुलभ और सुख देने वाले हैं. जो इस लोक में लाभ और परलोक में निर्वाह करते हैं. अर्थात भगवान के दिव्य धाम में दिव्य देह से सदा भगवत सेवा में नियुक्त रहते हैं. उक्त आशय के विचार मानकापुर में जारी संगीतमय श्री राम कथा में चित्रकूट धाम निवासी राजन महाराज ने व्यक्त किए. श्री राम कथा का आयोजन अखंड भारत विचार मंच की ओर से किया जा रहा है. राजन महाराज ने आगे कहा कि यह दोनों अक्षर नर-नारायण के समान सुंदर भाई हैं. यह जगत का पालन और विशेष रूप से भक्तों की रक्षा करने वाले हैं. यह भक्ति रूपिणी सुंदर स्त्री के कानों के सुंदर आभूषण हैं. और जगत के हित के लिए निर्मल चंद्रमा और सूर्य हैं. उन्होंने आगे कहा कि समझने में नाम और नामी दोनों एक हैं किंतु दोनों में परस्पर स्वामी और सेवक की प्रीति है. प्रभु श्री राम अपने राम नाम का ही अनुगमन करते हैं. नाम और रूप दोनों ईश्वर की उपाधि हैं. यह दोनों अनादि हैं और सुंदर बुद्धि से ही इनका स्वरूप जानने में आता है. तुलसीदास जी कहते हैं यदि आप भीतर और बाहर दोनों ओर उजाला चाहते हैं तो मुख रूपी द्वार की जीभ रूपी देहली पर राम नाम का दीपक रख दो. शनिवार को व्यासपीठ का पूजन यजमान रामाश्रय मिश्रा, अजय त्रिपाठी, पंडित कन्हैया शास्त्री, अतिथि शिवनाथ सिंह, श्रीमती भारती देशमुख, किशन गावंडे, भोजराज डुमबे , रमेश सिंह, मदन चौधरी, विमल शर्मा , मनोज कुमार सिंह ने किया। कथा का समय दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक रखा गया है. सभी से मास्क पहनकर आने का अनुरोध किया गया है.
Saturday, November 23, 2024
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