राज्य सरकार के व्यवहार और नेताओं में असंतोष : मुनगंटीवार

राज्य सरकार के व्यवहार के कारण ज्यादातर पार्टियों (निर्दलीय और महाविकास आघाड़ी) में असंतोष का वातावरण है। मुख्यमंत्री मंत्रालय तक नहीं जाते हैं। किसी के काम नहीं करते हैं। सबके कहने के बाद ही हमने विधान परिषद के चुनाव में अपना 5वां उम्मीदवार उतारा है इसलिए हमारी जीत सुनिश्चित है। यह बात पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कही। उन्होंने युवक कांग्रेस के आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस लोगों में भ्रम पैदा करने का काम कर रही है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान बोल रहे थे। पूर्व वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि, हमें आगामी चुनाव में सभी पार्टियों को हराकर भाजपा का झंडा लहराना है। यहां कार्यक्रम में जितने लोग है यदि हम उनको टिकट देना चाहें तो भी नहीं दे सकते हैं क्योंकि मनपा की सीटों से ज्यादा लोग इस कार्यक्रम में शामिल हैं। कार्यक्रम में मंच पर भाजपा जिलाध्यक्ष किरण पातुरकर, पूर्व महापौर चेतन गावंडे, पूर्व नगरसेवक तुषार भारतीय, संगठन महामंत्री गजानन देशमुख, महामंत्री मंगेश खोडे, महामंत्री दीपक खताडे, महिला मोर्चा लता देशमुख, युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रणीत सोनी, प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जयंत डेहनकर आदि उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि, कार्यकर्ता का नाराज होना अधिकार है, लेकिन चुनाव के समय मत दिखाओ। केंद्र और राज्य सरकार के कार्यक्रमों का आयोजन करना ठीक है, लेकिन कार्यकर्ताओं को स्थानीय मुद्दों पर भी काम करना चाहिए। इससे यहां के लोगों से जुड़ाव होता है। मैं उन लोगों के बारे में सोचता हूं, जो मुझे मिल रहे हैं मैंने उनके लिए क्या काम किया इससे कई सारे विषय ध्यान में आते हैं। जिलाध्यक्ष पातुरकर ने कहा कि, इस बार के मनपा चुनाव में न सिर्फ 50 सीट लाएंगे बल्कि महापौर भी अपना बनाएंगे। भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बड़ी टीम काम कर रही है करीब 10 हजार कार्यकर्ता हमेशा पार्टी के लिए काम करते हैं। विशेष बात यह है कि, वह हमेशा फोन पर उपलब्ध रहते हैं और यदि फोन उठा नहीं पाते हैं तो बाद में वापस कॉल करते हैं। कार्यकम में सचिन रासने, राजू कुरील, उपाध्यक्ष सुनील साहू, अजय सामदेकर, दीपक पोहेकर, राजेश आखेगावकर, रीता मोकलकर, सतीश करेसिया, अजय सारस्कर, लवीना हर्षे, रविकिरण वाघमारे, सुरेखा लुंगारे, सविता ठाकरे, राधा कुरील, रेखा भूतड़ा, मिलिंद बांबल, प्रवीण वैश्य, तुषार वानखडे, लखन राज आदि उपस्थित थे।

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