जयपुर। (एजेंसी)।
तीन साल बाद गहलोत मंत्रिमंडल के बड़े विस्तार में रविवार को 11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राज्यपाल ने सबसे पहले हेमाराम चौधरी को शपथ दिलाई। हेमाराम ने मई में सरकार से नाराज होकर अपने क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। हरीश चौधरी की जगह बाड़मेर से अब हेमाराम को मौका दिया गया है। वे पिछली बार भी गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री थे। दूसरे नंबर पर महेंद्रजीत सिंह मालवीय और तीसरे नंबर पर रामलाल जाट ने शपथ ली। रामलाल जाट सीएम के खास माने जाते हैं। शपथ के बाद उन्होंने सीएम के पैर छुए। चौथे नंबर पर महेश जोशी और पांचवें नंबर पर विश्वेंद्र सिंह ने शपथ ली। महेश जोशी को गहलोत का संकटमोचक माना जाता है। छठे नंबर पर रमेश मीणा को शपथ दिलाई गई। सातवें नंबर पर ममता भूपेश और आठवें नंबर भजनलाल जाटव ने शपथ ली। भूपेश को राज्य मंत्री सेक कैबिनेट मंत्री के तौर पर प्रमोट किया गया है। दोनों ने शपथ के बाद उट के पैर छुए। इसके बाद टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल, शकुंतला रावत को शपथ दिलाई गई। राज्यमंत्री के तौर पर सबसे पहले बृजेंद्र सिंह ओला ने शपथ ली। इसके बाद मुरारीलाल मीणा, राजेंद्र सिंह गुढ़ा और जाहिदा ने शपथ ली। जाहिदा ने अंग्रेजी में शपथ ली।
पायलट भी राजभवन पहुंचे
शपथ से पहले पायलट भी राजभवन पहुंचे। यहां वे सभी विधायक से गर्मजोशी के साथ मिले और हाथ मिलाए। शपथ समारोह में उनकी यह बॉडी लैंग्वेज काफी चर्चा में रही, जबकि इससे पहले पीसीसी में वे चुप रहे। यहां उन्होंने शांतिलाल धारीवाल और प्रताप सिंह खाचरियावास से भी हाथ मिलाए।
जो मंत्री नहीं बने उन्हें एडजस्ट करेंगे
इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि जो मंत्री नहीं बन पाए हैं, उनकी भूमिका कम नहीं है। जो बच गए हैं उन्हें एडजस्ट किया जाएगा। जो धैर्य रखता है, उसे कभी न कभी मौका मिलता है। सब तरह से फैसला हुआ है। राजस्थान में बार-बार सरकार में बदलाव आता है, लेकिन इस बार हम सरकार रिपीट करके दिखाएंगे। पूरे कांग्रेसजन एकजुट रहेंगे। जिन्हें मौका मिला है, मैं उम्मीद करता हूं कि वे सोनिया गांधी को निराश नहीं करेंगे।