दिग्रस।
धर्मांतरण के कथित आरोपों के तहत मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित उनके साथियों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्त में लिया है। इस घटना को लेकर देशभर में मुस्लिम समाजबंधुओं में रोष व्याप्त है। इस कड़ी में जमियत उलमाए व हूफ्फाज दिग्रस शाखा ने मंगलवार को दिग्रस तहसील कार्यालय के तहसिलदार बन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। उपरोक्त ज्ञापन में मौलाना कलीम सिद्दीकी पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उनकी और उनके साथियों की रिहाई की मांग उठाई गई है। ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि इस्लाम अन्य धर्मों के आदर की न सिर्फ सिख देता है बल्कि किसी के मर्जी के बगैर किसी पर कोई विचार थोपने और जबरन या लालच देकर किसी पर अपनी श्रद्धा या धार्मिक प्रतीको को लादने की हरकत का कठोरता के साथ विरोध करता है। ऐसे में मौलाना कलीम सिद्दीकी पर धर्मान्तरण का आरोप न सिर्फ झूठा है बल्कि देशभर के हिन्दू मुस्लिमो के बीच द्वेष फैलाने के तहत की गई सोची समझी राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। इस्लाम का कोई भी जानकार जबरन धर्मांतरण नही करा सकता इसलिए मौलाना कलीम सिद्दीकी और उनके बेगुनाह साथियो की तत्काल रिहाई की जाए इस आशय की मांग उक्त ज्ञापन में की गई है। इसके साथ ज्ञापन में अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए पुलीस एवं सुरक्षा यंत्रणा का इस्तेमाल अपने सहूलत से करने वाली सियासी ताकदों का भी पुरजोर तरीके से विरोध किया गया है। ज्ञापन सौंपते समय मौलाना सादिक, मौलाना इसहाक, मौलाना नासिर, मौलाना इस्राईल, मौलाना अल्ताफ, साजिद पतलेवाले,राजीक पप्पुवाले, हुसेन बालापुरे, इर्शाद खल्लीखाऊ, रफिक पप्पुवाले, मुसा पप्पुवाले, सादिक गारवे आदि समाजबंधु उपस्थित थे।