मोदी बोले- गुजरात को बदनाम करने की साजिश हुई

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अहमदाबाद साइंस सिटी में आयोजित वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 20वें एनिवर्सरी प्रोग्राम में शामिल हुए। मोदी ने अपने संबोधन में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते आईं चुनौतियों पर बात की।
पीएम ने 2001 से पहले गुजरात में आए अकाल, फिर भूकंप और गोधरा ट्रेन की घटना और राज्य में फैली हिंसा के बाद के हालात की चर्चा की। उन्होंने कहा- तब कुछ लोग एजेंडा के तहत गुजरात को दुनिया में बदनाम करने की साजिश रच रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा- जब मैं गुजरात का सीएम था और राज्य विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहा था, तब केंद्र सरकार में बैठे लोग बुलाने पर भी नहीं आते थे। सीएम के तौर पर मेरा ज्यादा अनुभव नहीं था, लेकिन मेरा गुजरात और गुजरात के लोगों पर अटूट भरोसा था। मैंने उट रहते संकल्प लिया और इन चुनौतियों से राज्य को बाहर निकाला।

पीएम की 30 मिनट की स्पीच की 5 बातें
1. वाइब्रेंट गुजरात ब्रांडिंग नहीं, मेरे लिए बॉन्डिंग
पीएम ने कहा- 20 साल पहले हमने एक छोटा सा बीज बोया था, आज वह इतना विशाल वट वृक्ष बन गया है। बरसों पहले मैंने कहा था कि वाइब्रेंट गुजरात सिर्फ ब्रांडिंग का आयोजन भर नहीं है, बल्कि इससे बढ़ कर बॉन्डिंग का आयोजन है। यह बॉन्ड मेरे और गुजरात के 7 करोड़ नागरिकों और उनके सामर्थ्य के साथ जुड़ा हुआ है।

2. अकाल, भूकंप, गोधरा और हिंसा की भी चर्चा की
मोदी ने कहा- 2001 में आए भीषण भूकंप से भी पहले गुजरात लंबे समय तक अकाल की स्थिति से जूझ रहा था। भूकंप से लाखों लोग प्रभावित हुए। इस बीच एक और गोधरा की हृदयविदारक घटना हुई और उसके बाद गुजरात हिंसा की आग में जल उठा।

3. तब कहा गया कि गुजरात से सब पलायन कर जाएंगे
मोदी ने कहा- जो लोग एजेंडा लेकर चलते थे वे उस समय भी घटनाओं का अपने तरीके से आकलन करने में जुटे हुए थे। कहा गया कि गुजरात से युवा, व्यापारी, उद्योग सब पलायन कर जाएंगे। दुनिया में गुजरात को बदनाम करने की साजिश रची गई। कहा गया कि गुजरात कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा। सीएम सीएम के तौर पर मेरा ज्यादा अनुभव नहीं था, लेकिन मेरा गुजरात और गुजरात के लोगों पर अटूट भरोसा था।

4. लोग पहले मजाक उड़ाएंगे, फिर स्वीकार करते हैं
मोदी ने कहा- आज मुझे स्वामी विवेकानंद की बात याद आ रही है। हर काम को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है, पहले लोग इसका उपहास उड़ातें है, फिर विरोध करते हैं, बाद में उसे स्वीकार कर लेते हैं। बशर्ते उसका आइडिया समय से पहले का हो। उस समय मैं पहली बार विधायक बना था। शासन चलाने का अनुभव नहीं था। उस संकट में मैंने संकल्प लिया कि चाहे परिस्थितियां जैसी भी हो गुजरात को इससे बाहर निकालकर रहूंगा।

5. दुनिया को अपनी ताकत भी दिखा दी
पीएम ने कहा- उस समय भी हम गुजरात के पुननिर्माण ही नहीं, उससे भी आगे की सोच रहे थे। हमने गुजरात की क्षमता को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने संकल्प लिया और दुनिया को अपनी ताकत भी दिखा दी। आज वाइब्रेंट समिट के 20 साल की सफलता दुनिया देख रही है। यह वह बॉन्ड है, जो उनके असीम स्नेह पर आधारित है।

गुजरात समिट में रोड़े अटकाने में लगे रहते
उस समय केंद्र सरकार चलाने वाले गुजरात समिट में रोड़े अटकाने में लगे रहते थे। व्यक्तिगत रूप से तो मुझसे समिट में आने का कहते थे, लेकिन किसी न किसी बहाने से समिट में नहीं आते थे। न जाने, पीछे से उन पर कौन सा डंडा चलता था। विदेशी इनवेस्टर्स को धमकाया जाता था कि गुजरात मत जाओ। इतना डराने के बाद भी विदेशी इनवेस्टर्स गुजरात आए।

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