देश में कई ऐसे बहुचर्चित प्रकरणों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा देर रात तक कोर्ट खुला रख सुनवाई की गयी है लेकिन मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंड पीठ के दरवाजे रात में कोरोना रोगियों के लिए खोले गए
कोरोना से जिले के अस्पतालों में बेड की कमी बन रही है इसलिए, उच्च न्यायालय ने कल रात आयोजित एक आपातकालीन सुनवाई में नागपुर में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मेडिकल) के बेसमेंट में एक 90-बेड का कोविड वार्ड शुरू करने का आदेश दिया।
उच्च न्यायालय ने मंगलवार, 23 मार्च को रात लगभग 10 बजे अपनी कार्यवाही फिर से शुरू की क्यों की इलाज के लिए में, 50 से 60 कोरोना पीड़ितों की कतार थी।
उनमें से कुछ की हालत गंभीर थी। इसलिए न्यायाधीशों ने तुरंत रात दस बजे मामले पर फैसला सुनाया।नागपुर खंड पीठ के इतिहास में पहली
बार अदालत कल रात को खोली गई थी।उच्च न्यायालय ने कोरोना के मुद्दे पर एक याचिका दायर की है। कहा गया कि मेडिकल के बेसमेंट में 90 बेड की व्यवस्था की जा सकती है।
अदालत ने एक सुनवाई में कहा था कि वहां वार्ड शुरू करना उचित नहीं होगा, क्योंकिबेसमेंट में में पानी जमा होता है।
अचानक,मेडिकल में 50 से 60 कोरोना रोगियों की कतार थी। उनमें से कईमरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत थी,इसलिए, अधिकारियों ने तुरंत सरकारी वकील केतकी जोशी के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। एड .जोशी, न्ययालय मित्र एड श्रीरंग भंडारकर, भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल एड. उल्हास औरंगाबादकर, नागपुर महानगर पालिका के अधिवक्ता सुधीर पुराणिक उच्च न्यायालय में गए ।उसके बाद जस्टिस एस. बी शुक्रे के निवास पर न्यायमूर्ति अविनाश घरोट की उपस्थिति में मामले की सुनवाई हुई।अदालत ने कोविड वार्ड को तत्काल जरूरत के मद्देनजर बेसमेंट में शुरू करने की अनुमति दी।