मुंबई में नदी के नीचे बनेगी नदी!

मुंबई. महानगर में नदियों के नीचे, अंडरग्राउंड नदी बनाने का प्लान बनाया जा रहा है। हाल ही में जापानी विशेषज्ञों की उपस्थिति में इसे लेकर बैठक हुई। महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन (मित्रा) के सीईओ प्रवीण परदेशी ने यह जानकारी दी। मुंबई में आयोजित अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन समिट में एमएमआर के विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल थे। परदेशी ने कहा कि मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) महाराष्ट्र ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) में 54% योगदान देता है। क्लाइमेट चेंज के संभावित खतरे के चलते हमें समुद्र के स्तर बढ़ाने के संभावित खतरे के मद्देनजर तैयारी करने की जरूरत है। हम इसलिए नदी के नीचे नदी बनाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें पानी जमा हो सके। इसका पूरा रोड मैप अगले कुछ महीनों में तैयार हो जाएगा। जापान में इसका सफल प्रयोग हो रहा है। बीएमसी के एडिशनल कमिश्नर पी वेलारासू ने कहा कि यह प्लान अभी प्रारंभिक स्टेज पर है। रिपोर्ट तैयार होने पर इसके सभी पहलुओं पर विचार कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
एंप्लॉयमेंट और जीडीपी अहम
इस दौरान मुंबई के विकास को केवल लैंड यूज तक सीमित न रखकर प्रति स्क्वायर फीट जीडीपी और एंप्लॉयमेंट तक विचार करने की जरूरत को भी रेखांकित किया गया। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि शहर का हर स्तर पर विकास करना चाहिए। हमें सस्टेनेबल ग्रोथ पर विचार करना होगा।
.. यदि बरकरार रखना है ताज
सुब्रमण्यम ने कहा कि आज हर शहर मुंबई की बराबरी करना चाह रहा है, केवल सकारात्मक प्रतिस्पर्धा चल रही है। जीडीपी में फिलहाल 13 प्रतिशत का योगदान है। मुंबई के योगदान को कायम रखने के लिए पॉलिसी स्तर पर आवश्यक बदलाव करना बेहद जरूरी है।
11 ग्रोथ सेंटर बना रही है एमएमआरडीए
एमएमआर क्षेत्र में एमएमआरडीए कुल 11 ग्रोथ सेंटर बनाएगा। जिसमें इंडस्ट्रियल, ट्रांसपोर्ट हब भी शामिल है। मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक प्रोजेक्ट के आसपास नवी मुंबई के क्षेत्रफल जितना बड़ा नया टाउन विकसित कर रही है।
‘केंद्र की मदद जरूरी’
आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि सरकार के पास बहुत बड़ी लैंड बैंक है, इसे कुछ समय के लिए उपयोग कर स्लम फ्री मुंबई का सपना साकार किया जा सकता है। परदेशी ने कहा कि मुंबई में करीबी आधी जमीन केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के पास है, ऐसे में नीति आयोग द्वारा मुंबई के विकास के लिए बनाया जा रहा रोड मैप बिलकुल सही कदम है। जमीनी ही सबसे बड़ा असेट है।

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