मुंबई पुलिस फडणवीस के घर जाकर करेगी पूछताछ

-पहले बुलाया गया था बीकेसी थाना
-फोन टेपिंग से जुड़ा है मामला

मुंबई। (एजेंसी)।
महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस अब पूछताछ के लिए कल बीकेसी पुलिस स्टेशन नहीं जाएंगे. इसकी बजाए मुंबई साइबर पुलिस  उनसे पूछताछ के लिए उनके सागर बंगले तक आएगी. महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग की बैठक में यह फैसला किया गया है. इससे पहले दोपहर एक बजे आज (12 मार्च, शनिवार) को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी थी कि उन्हें मुंबई साइबर पुलिस ने कल सुबह 11 बजे सीआरपीसी एक्ट 160 के तहत पूछताछ के लिए बुलाया है. उन्होंने कहा था, ‘मुझे मुंबई पुलिस की तरफ से सीआरपीसी की धारा 160 के तहत एक नोटिस मिला है, जिसमें मुझे कल सुबह 11 बजे बीकेसी साइबर पुलिस स्टेशन में उनके सामने पेश होने के लिए कहा गया है। मैं वहां जाकर अपना बयान दर्ज कराऊंगा.’ अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उन्होंने मार्च 2021 में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े मामले का पदार्फाश किया था. इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी केंद्रीय गृहसचिव को दे दी थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया. महाविकास आघाडी सरकार के राज में रिश्वत लेकर किस तरह अधिकारियों की पोस्टिंग की जाती है, इसका सारा डिटेल उस रिपोर्ट में है. उस रिपोर्ट में अनिल देशमुख का इससे क्या संबंध है, वो भी जानकारी है. इस बीच इस आधार पर कि आॅफिशियल सीक्रेट्रस ऐक्ट के तहत यह जानकारी लीक कैसे हुई, मुझे पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है. फडणवीस ने कहा कि विपक्षी नेता होने के नाते उनका यह विशेषाधिकार है कि उनसे यह सवाल पूछा ही नहीं जाए कि उन्हें जानकारी कहां से मिली, फिर भी वे कल पुलिस स्टेशन जाएंगे और अपनी जिम्मेदारी समझते हुए मुंबई पुलिस के साथ सहयोग करेंगे. इस बीच बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने भी इरादा कर लिया था कि वे कल मुंबई की बीकेसी में बड़ी तादाद में जाकर जमा होंगे और फडणवीस को नोटिस भेजे जाने का निषेध करेंगे. इन सबके बीच तुरंत महाराष्ट्र के गृह विभाग ने इस मामले में एक बैठक बुलाई और बैठक में यह फैसला किया गया कि देवेंद्र फडणवीस को बीकेसी नहीं आना पड़ेगा. पुलिस खुद देवेंद्र फडणवीस के घर आकर उनका बयान दर्ज करेगी और उनके पास जो जानकारियां हैं, उन्हें शेयर करने को कहेगी.

परसों किया पदार्फाश, इसलिए नोटिस पहुंच गया आज
फडणवीस ने कहा था कि उन्होंने परसों जो 125 घंटे का वीडियो सबूत विधानसभा में पेश किया था, जिससे यह साबित होता है कि किस तरह महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार पुलिस और सरकारी वकीलों की मदद से बीजेपी के बड़े नेताओं को झूठे मामले में फंसाने की साजिश रच रही है, उसके बाद उन्हें यह नोटिस भिजवाया गया है.

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