मानवाधिकार के नाम पर देश की छवि खराब करने की कोशिश

नई दिल्ली.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है, जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है. किसी भी घटना का जिक्र किए बिना पीएम ने सचेत करते हुए कहा, इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है.
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को 28वें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के स्थापना दिवस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा मानवाधिकारों को बरकरार रखा है. प्रधानमंत्री ने कहा, दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं. हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नए अधिकार दिए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आज महिलाओं के लिए काम के अनेक सेक्टर्स को खोला गया है, वो 24 घंटे सुरक्षा के साथ काम कर सकें, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे, लेकिन भारत आज करियर वुमेन को 26 हफ्ते की पेड मैटरनिटी लीव दे रहा है. इसी तरह, प्रधानमंत्री ने ट्रांसजेंडर, बच्चों और घुमंतू तथा अर्ध-घुमंतू समुदायों के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों के बारे में बताया.

देश में 650 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित
सख्त कानून व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने 650 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए हैं और दुष्कर्म के जघन्य अपराध के लिए मौत की सजा की शुरुआत की है.

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