राज्य में ही नही पूरे देश मे विज्ञापन करने वाले पेंटर है।डिजिटिल का युग आने से पेंटर बेकार हुए है। बीते दस सालों से पेंटरों की हालत खराब हुई है।अब तो कोरोना काल मे कंपनियों के विज्ञापन भी बन्द हुए है।जो हो रहे है वह पुराने ही दाम से होने से पेंटरों को घर खर्चा करना मुश्किल हो रहा है।महँगाई को देखते हुए पेंटिंग के दाम बढ़ने की मांग कही बार पेंटर संघ ने उठाई लेकिन विज्ञापन एजेंसियां दाम बढाकर देने तैयार नही होने अब
राज्य में महाराष्ट्र पेंटर संघटन की स्थापना की गई।
जिसकी शाखा नागपुर में स्थापित करने की जानकारी पेंटर अमर तांबे,शाम मेश्राम ने दी।
बताया कि पेंटरों की समस्या आज भी बरकरार है।सरकार से भी पेंटरों को कोई मान्यता नही है।नाही व्यवसाय के लिए कोई लोन मिलता है।पेंटरों को सरकार के योजना में समावेशन करने की मांग भी की गई।
अब पेंटर संघ स्थापन कर करेंगे सरकार से मांग सरकार की और से विज्ञापन हर साल किया जाता है करोड़ो रुपए जनजागृती पर खर्च किये जाते है।गाव से लेकर शहर में जनजागृती के लिए दीवाल पेंटिंग ही एक अच्छा व सस्ता माध्यम है।लेकिन सरकार यह काम विज्ञापन एजेंसियों के जरिए से करते है।अब सरकार यह काम सीधे पेंटर संघ के माध्यम से करने की मांग करेंगे।कुछ ही दिनों में लोकड़ाऊन से राज्य मुक्त होते ही पेंटर संघ के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलेंगे।संघ के प्रमुख प्रमोद आंभोरे परभणी ने राज्य के पेंटरों को एक साथ जोड़ने का संकल्प उठाया।यह जानकारी अमर तांबे नागपुर ने दी।