महापौर का अतिक्रमण मुक्ति का पुनः आदेश

मनपा में भाजपा का सत्ता के रूप में यह तीसरा कार्यकाल है. विशेष रूप से तीसरे कार्यकल में प्रत्येक महापौर ने पदभार ग्रहण करते ही शहर को अतिक्रमण मुक्त करने की घोषणा की. यहां तक कि तत्कालीन महापौर संदीप जोशी ने इसे लेकर जोनल स्तर पर कई बैठकें भी लीं जिसके बाद अभियान शुरू होने की संभावना जताई गई. शहर अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पाया है. अब महापौर दयाशंकर तिवारी ने शुक्रवार को बैठक लेकर मनपा और पुलिस को मिलकर अभियान शुरू करने के निर्देश दिए. एक के बाद एक लगातार आदेशों का ‘मकड़जाल’ तो तैयार हो रहा है लेकिन ‘मकड़जाल’ की सफाई नहीं हो रही है. इससे नये आदेशों पर भी प्रशासन के अमल को लेकर संदेह जताया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि शहर का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बचा है जहां अतिक्रमण नहीं है. इस तरह के अतिक्रमण से मनपा के तमाम अधिकारी भलीभांति वाकिफ भी हैं. इसके बावजूद अतिक्रमण हटाने के लिए आदेश जारी करने की नौबत ही इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करती है. बहरहाल अब महापौर की ओर से पुनः एक बार अभियान चलाने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि शहरभर के फुटपाथों पर वाहनों में परिवर्तन कर चायनीज के ठेले लगाने का चित्र दिखाई देता है. इन वाहनों पर मनपा को कार्रवाई का अधिकार नहीं है लेकिन पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की जा सकती है. इसके अलावा गैरेज मालिकों द्वारा खराब वाहनों की अवैध रूप से पार्किंग की जाती है. फुटपाथों पर सेकंडहैंड दुपहिया वाहनों की खरीदी-बिक्री होती है. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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