तुमसर।
पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी फिलहाल नियंत्रण से बाहर है। केंद्र सरकार की जनविरोधी नीति के कारण बढ़ती महंगाई का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। हजारों घरों में हजारों की संख्या में पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस पहुंच चुकी है। इस संबंध में बुधवार को तहसीलदार तुमसर के माध्यम से जिला कलेक्टर भंडारा को बयान दिया गया है। महंगाई और महंगाई के खिलाफ दिए गए अपने बयान को लेकर रायुकन ने केंद्र सरकार की खिंचाई की है। एनसीपी ने जनता की टूटी कमर से पैदा हुई दिक्कतों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। बयान में कहा गया है कि आने वाले दिनों में अगर केंद्र सरकार ने आम आदमी को राहत नहीं दी तो रयूका उग्र आंदोलन करेंगे।तेल और घरेलू गैस की बढ़ती कीमतों का असर इस समय सभी क्षेत्रों पर पड़ रहा है। डीजल की बढ़ती कीमतों ने परिवहन व्यवस्था को प्रभावित किया है। बढ़ी हुई परिवहन दरें भोजन की बढ़ती लागत में परिलक्षित होती हैं। पत्तेदार सब्जियों, फलों और अन्य घरेलू सामानों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। पेट्रोल की कीमत में 119 प्रति लीटर की वृद्धि पिछली सरकार और मोदी सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के चक्र के विपरीत है। इससे आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। जनता पहले से ही कोरोना संकट से त्रस्त है। महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। इसी मुद्दे पर राकांपा ने बुधवार को जिलाधिकारी भंडारा को बयान जारी कर केंद्र सरकार का विरोध किया।तहसीलदार तुमसर के माध्यम से जिलाधिकारी बयान सौंपे उस समय एनसीपी के देवचंद ठाकरे, राजेश देशमुख, ठकचंद मुगुस्मरे, निशिकांत पेठे, सुनील थोटे, पमा ठाकुर, यासीन भई छवारे, राजू माटे, सरोज भूरे, खुसलता गजभिये, सलाम तुरक, के के पंचबुधे, जयश्री गभने, नेहा मोटघरे, खेमू गभने, तिलक गजभिये, सुदीप ठाकुर, अतुल सर्वे, दिलीप टेभर, मनोहर साठवणे, राजू जादव, बंटी भूरे, संकेत गजभिये, पवन किरपने, सुमित मलेवर, शैलेश सकरवाड़े, महेस निमजे, रोहित बिसने और सभी प्रतिनिधी उपस्थित थे।