नई दिल्ली. सलमान खुर्शीद के बाद चुनावी सीजन में अब कांग्रेस नेता मनीष तिवारी भी अपनी किताब लेकर आए हैं जिसमें उन्होंने 26/11 हमले को लेकर कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार को घेरा है. मनीष तिवारी ने अपनी किताब में मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि 26/11 हमले के बाद पाकिस्तान पर किसी तरह का एक्शन न लेना सरकार की कमजोरी है. तिवारी की किताब आने की घोषणा मुंबई हमले की बरसी से ठीक तीन दिन पहले की गई है और किताब खूब चर्चा में आ गई है. माना जा रहा है कि यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार के बहाने यह हमला कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर है. पार्टी ने किताब में लिखी उनकी बातों को गंभीरता से लिया है. किताब के कुछ अंश मीडिया के सामने आने के बाद पार्टी के अनुशासन समिति के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री ए के एंटनी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे और बैठक में इस किताब पर चर्चा हुई. पार्टी को यह बात नागवार गुजरी है कि चुनाव के समय पार्टी नेता उस सरकार की कमजोरियों को उजागर कर रहे हैं जो खुद उस सरकार का हिस्सा रहे हैं। मनीष तिवारी यूपीए दो में 2009-2014 तक केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), सूचना और प्रसारण के रूप में काम कर चुके हैं.
निठल्ली थी कांग्रेस की सरकार: भाजपा
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि मनीष तिवारी की पुस्तक में जो तथ्य सामने आए हैं, उसे कांग्रेस की ‘विफलता का कबूलनामा’ कहना ही उपयुक्त होगा. उन्होंने कहा, ‘इस पुस्तक का सारांश है कि संयम शक्ति की निशानी नहीं है. मुंबई हमले के समय संयम कमजोरी माना जा सकता है. भारत को उस समय कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी. इस तथ्य के बाद आज स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस की जो सरकार थी, वह निठल्ली और निकम्मी थी.