इंफाल। (एजेंसी)। मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दबदबा कायम रहा और यहां एक बार फिर बीजेपी सत्ता पर काबिज होने जा रही है. मणिपुर में बीजेपी पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है. चुनावों में पार्टी 60 विधानसभा सीटों में से 31 सीटों पर जीत हासिल कर इतिहास रचते हुए दिखाई दे रही है. बीजेपी ने मणिपुर की चुनावी कमान वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को सौंपी थी. वहीं प्रदेश के चुनावी प्रबंधन और रणनीति में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का भी अहम रोल रहा है.
बीजेपी की जीत के पीछे ये कारण
मणिपुर में बीजेपी की यह जीत के कारणों में सीएम बीरेन सिंह के द्वारा चलाई गई योजनाओं और कार्यक्रमों को भी अहम बताया जा रहा है. बीजेपी सरकार के ‘पहाड़ों की ओर चलो, गांवों की ओर चलो’ के साथ ‘सीएम दा हाइसी’ जैसे कार्यक्रम जनता के बीच बेहद लोकप्रिय है. वहीं, कोरोना की तीनों लहर में सरकार के ‘फ्री राशन से लेकर फ्री इलाज’ को स्थानीय लोगों ने पसंद किया. बीजेपी को मणिपुर में 2014 के बाद से अहमियत मिलना शुरू हुई है. 2016 में कांग्रेस के निवर्तमान मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भाजपा में आए तो पार्टी का ग्राफ और बढ़ा.
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली थी 21 सीटें
बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में पहली बार 21 सीटें जीतीं थी. सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी और नगा पीपुल्स फ्रंट के साथ समझौता किया था. पार्टी इन चुनावों में एन बीरेन सिंह के चेहरे को आगे रखकर चुनावी मैदान में उतरी. मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह एक कुशल राजनेता के पहले पत्रकार रहे हैं. कहा जाता है कि वे इकलौते नेता हैं, जो घाटी और पहाड़ी इलाकों के बीच संतुलन साधना जानते हैं.