राज्यके कुछ भागोमे “गोवर” के बढते मरीज से प्रशासन हरकत मे आकर पालकवर्गोको सतर्कता तथा इसके रोकथाम हेतू टिकाकरण की तयारीमे जुट गया है. स्वास्थ्य अधिकारी, चिकित्सक, बालरोगतज्ज्ञ आदीने इस संक्रमक बीमारीसे नीपटने हेतू तयारीयो के साथ साथ पालक वर्गोको सावधानी बरतने की सलाह दी है. फीलहाल सावनेर शहर सहीत तालुका में अभी स्थीती नियंत्रण में है. लेकीन यह बीमारी कब अपने चपेटमे ले ले कहा नही जा सकता. इसी वीषयपर हमारे स्थानिक संवाददाता ने कुछ बालरोगतज्ज्ञो से इस बीमारी तथा उससे बचाव हेतू उनके मत जाने।इन दिनो राज्यके कुछ हिस्सोमे गोवर “खसरा” तेजीसे फैलता जारहा है. गोवर एक संक्रमक रोग है, जो मुख्य रुपसे बच्चोमे पाया जाता है. इसके शुरुवाती लक्षण बुखार आना, ठंड लगना, आखे लाल होना, खासी आदीके बाद शरीरपर लाल दाने उठना और पुरा शरीर इसके चपेट में आ जाता है. गोवर एक गंभीर बीमारी है. तथा नीमोनीया जैसे दुसरी घातक जानलेवा बीमारीयोको न्योता देती है. ऐसे में अपने बच्चोको खसरेका टीका लगाना, अपने बच्चो को दुसरोसे अलग रखना, सार्वजनिक स्थानो से परहेज करना यह सामान्य सावधानी के साथ बच्चोको गोवर से बचाव हेतू खसरे के टीके अवश्य लगाये। अपने बच्चो में ऐसे लक्षण दीखाई देनेपर तुरंत ही सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र या नजदीकी बालरोगतज्ज्ञ की सलाह ले। उचीत उपचारसे इस बीमारीयो से बचा जा सकता है।गोवर यह संक्रमक रोग है इस रोगसे प्राय बच्चे प्रभावीत होते है. बुखार, खासी, आखो में जलन, गले में सुजन आदीके साथ ही निमोनीया जैसे घातक रोग होनेकी संभावनाये बढ जाती है. गोवर या खसरे के कारण शरीरमे व्हिटॅमिन ए की कमीके कारण आँखोकी गंभीर बीमारी तथा अंधापन होने तक का खतरा बना रहता है. इसलीये उचित चिकित्सा तथा परामर्श ही एकमात्र समाधान है. अगर कीसी बच्चोमे उपरोक्त लक्षण दीखाई दे तो घरेलू उपायोमे समय व्यतीत ना कर तुरंत उचीत इलाज कराये।गोवर इस बीमारीसे ग्रसीत मरीज के शरीरमे व्हिटॅमिन ए की कमीके चलते आँखे लाल होना,आँखे पानी आना, आँखो में खुजली चलना, धुंदला पन आदी तकलीफे होती है। इसलीये इस बीमारीको हलकेमे ना ले। शुरुवाती लक्षण दिखते ही उचीत इलाज से इस बीमारीसे बचा जासकता है। इसलीये सावधान रहे सतर्क रहे तथा अपने बच्चोको सार्वजनिक जगहो पर भेजने से बचे।
Saturday, November 23, 2024
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