बिना संगम ,भानेगाव में अनेक वर्षो प्रलंबित पड़ी विविध मांगो को लेकर वेकोलि तथा महाजेनको के खिलाफ अनिश्चित कालीन श्रृंखलाबद्ध अनशन शुरू किया। पुनर्वसन समिति की और से निवेदन जारी कर बताया की वेकोलि में रोजाना हो रही दगान के चलते बिना संगम, भानेगांव के कच्चे पक्के मकानो में दरारें पड़ रही। जिससे स्थानीय लोगो पर जान का खतरा मंडरा रहा। साथ ही उनको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा ओपन कोल माइन्स से समीप के गांव को बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है। वेकोली द्वारा कोयला ले जाने के लिए बड़े बडे वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा। जिसके चलते दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ गई।
वेकोलि व महाजेनको से बड़े पैमाने पर धुंए व धूल, राख का प्रदूषण अपने चरम पर है। जिससे क्षेत्र में पर्यावरण व लोगो के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ा रहा है। क्षेत्र की अधिकांश जमीन वेकोलि ने अधिग्रहित करने से स्थानिक लोग तथा युवा बेरोजगारी के शिकार हुए हैं। इन सब की वजह से परेशान होकर स्थानिक संघर्ष समिति ने बिना संगम व भानेगांव को जल्द ही जगह निश्चित कर पुनर्वासन, नागरी व्यवस्था तुरंत निर्धारित करना, मकानों का उचित मूल्यांकन कर के पीड़ितों को प्रकल्पग्रस्त प्रमाणपत्र देना, बेरोजगारों को रोजगार, बचे किसानों को जल्द मुवावजा देने की मांग की गई। अनशन कर्ताओं से आंदोलनस्थलपर पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, जिप सदस्य नाना कंभाले, किशोर बरडे ने मुलाकात की।इस अवसर पर सरपंच नंदा जांगले, विजय पाटिल,वामन भड़ंग, गंगाधर निखाड़े, हर्षवर्धन गजभिए, अरविंद गौरखेडे, बंडू महाजन,उदय सीरिया, दिवाकर निखाड़े,राहुल धिरडे, भिवा तांडेकर,बंडू बरडे,सतीश शिंदुरकर, दिल्लू शेख, दिलीप तांडेकर, राजन उपासे आदि मौजूद थे।