-58 सीटों पर होगा मतदान, 9 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
-11 जिलों में फैलीं हैं सीटें, सुबह 7 से शाम 6 बजे तक डाले जाएंगे वोट
-सभी सीटें जाट बहुल पश्चिमी उत्तरप्रदेश में
लखनऊ। (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का कल से आगाज होने जा रहा है. कुल सात चरण में होने वाले यूपी चुनाव में कल पहले चरण का मतदान होगा. पहले चरण में पश्चिमी यूपी में कुल 58 सीटों पर मतदान होना है. वहीं पहला चरण ही भाजपा के लिए लिटिमस टेस्ट साबित होने जा रहा है. बता दें कि पहले चरण में योगी सरकार के कुल 9 मंत्री चुनावी रण में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पहले चरण में राज्य के पश्चिमी जिलों में मतदान होना है और इस चरण में योगी सरकार के नौ मंत्रियों की किस्मत तय होगी. राज्य के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर मतदान सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 6 बजे तक होगा। निर्वाचन आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पहले चरण के चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस चरण में शामली, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा तथा आगरा जिलों में मतदान होगा।
योगी सरकार के 9 मंत्री मैदान में
यूपी चुनाव में पहले चरण में कुल 623 उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं पहले चरण में योगी सरकार जो नौ मंत्री मैदान में हैं, उसमें गन्ना मंत्री सुरेश राणा, पशुधन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, समाज कल्याण राज्य मंत्री शामिल हैं. इसके साथ ही पहले चरण में जीएस धर्मेश, वन राज्यमंत्री अनिल शर्मा और जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री दिनेश खटीक भी शामिल हैं. पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार का काम मंगलवार शाम 5 बजे बंद हो गया। पहले चरण में 2.27 करोड़ मतदाता हैं। पहले चरण का चुनाव जाट बहुल क्षेत्र में होगा। वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पहले चरण की 58 में से 53 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) को दो-दो सीटें मिली थी। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का भी एक प्रत्याशी जीता था। पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार का ज्यादातर काम कोविड-19 महामारी के मद्देनजर निर्वाचन आयोग द्वारा रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगाए जाने कारण डिजिटल माध्यम से ही किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान की अगुवाई करते हुए केंद्र और उत्तर प्रदेश में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों की उपलब्धियों का जिक्र किया और सपा-रालोद के गठबंधन पर हमला करते हुए लोगों को ‘नकली समाजवादियों’ से सतर्क रहने को कहा। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 से पहले कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा बार-बार उठाया। उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान किसानों के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया और भाजपा नेताओं पर झूठ बोलने के आरोप लगाए। अपने चुनाव प्रचार अभियान की देर से शुरूआत करने वालीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने लोगों को अपनी पिछली सरकार के कार्यकाल में राज्य की कानून-व्यवस्था की याद दिलाई और प्रतिद्वंद्वी पार्टियों पर प्रदेश की जनता से ‘छल’ करने का आरोप लगाया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मतदाताओं के घर-घर जाकर वोट मांगे।