नागपुर। (नामेस)।
भगवान स्वयं भक्त तक जाते हैं। यह उद्गार विन्ध्यापीठाधीश्वर बालयोगी अंतरराष्ट्रीय संत संजय महाराज ने व्यक्त किए।अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा की ओर से अमृत भवन, उत्तर अंबाझरी मार्ग में आयोजित श्रीरामकथा के छठवें दिन का पुष्प पिरोते हुए संत संजय महाराज ने कहा कि परमात्मा भक्ति के अधीन होकर स्वयं भक्त तक जाते हैं। अहिल्या उद्धार के प्रसंग से परमात्मा ने यह सिद्ध किया कि संतों का श्राप भी वरदान होता है। वह श्राप उस वरदान से कोटि गुना उत्तम है जिससे परमात्मा का दर्शन होता है। भगवान राम ने अहिल्या का उद्धार करके यह प्रमाणित किया कि गृहस्थ जीवन में प्रवेश से पूर्व स्त्री जाति के सम्मान व उत्थान से विशेष कार्य किया। जिस कारण से अहिल्या का पतन हुआ था उसी कारण से उसका उद्धार हुआ अर्थात रज कण के कारण अहिल्या का पतन हुआ था और भगवान श्रीराम जी के चरण रज से ही उसका उद्धार हुआ। कथा के मुख्य यजमान महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रामनारायण मिश्र व सावित्री मिश्र, राजेश प्रसाद पांडेय व शशिकला पांडेय, रवींद्रकुमार पांडेय व अरुणा पांडेय है। शुक्रवार के यजमान अजय त्रिपाठी तथा मनोज पांडेय थे। 13 नवंबर को रामकथा में श्रीराम राज्याभिषेक के बाद शाम 5 बजे पूणार्हुति होगी। रात 8 बजे महाप्रसाद होगा। सफलतार्थ महामंत्री राजेश पांडेय, ओमप्रकाश मिश्र, प्रेमशंकर चौबे, रत्नेश्वर तिवारी, केशवकांत तिवारी, शैलेश पांडेय, ब्रजेश मिश्र, अजय त्रिपाठी, मनोज पांडेय, जयराम दुबे, जीवन शुक्ला आदि प्रयासरत है।