बुलेट ट्रेन परियोजना की पहली पर्वतीय सुरंग बनी

जापान के सहयोग से बनने वाली मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की गई और इस परियोजना में गुजरात में बनने वाली एकमात्र सुरंग की खुदाई का काम पूरा हो गया।
परियोजना के सी4 पैकेज के अंतर्गत महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर झराली गांव के समीप एक पहाड़ी में बनने वाली सुरंग के दक्षिणी छोर को इंजीनियरों ने नियंत्रित विस्फोट के जरिए खोल दिया। दक्षिणी छोर से कुछ मीटर दूर महाराष्ट्र की सीमा शुरू हो जाती है।
यह सुरंग कुल मिलाकर 334 मीटर लंबी होगी जिसे जापान की तकनीक से तैयार किया जाएगा। इस सुरंग के दोनों छोरों पर 31-31 मीटर लंबी खिड़की युक्त संरचना वाले एंट्रेंस हुड बनाए जाएंगे जो 320 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से आने वाली ट्रेनों के वायुमंडलीय दाब को नियंत्रित करेंगे और ट्रेनें बहुत ही सहजता से सुरंग से गुजर सकेंगी।
मुख्य परियोजना प्रबंधक सत्य प्रकाश मित्तल ने यहां सुरंग निर्माण स्थल पर पत्रकारों को बताया कि सुरंग की ऊंचाई 10.25 मीटर और चौड़ाई 12.6 मीटर होगी और इसमें अप और डाउन दोनों लाइनें होंगी। उन्होंने बताया कि इस सुरंग की बनाने के लिए 120 से अधिक नियंत्रित विस्फोट किए गए। इसे इतना बनाने में एक साल से अधिक समय लगा।
श्री मित्तल ने बताया कि सुरंग को खोदने के लिए देश में प्रचलित न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मैथड (एनएटीएम) का प्रयोग किया गया लेकिन सुरंग को तैयार करने की विधि जापान की है और भारतीय इंजीनियरों ने उसे जैसे का तैसा ग्रहण किया है।
करीब 508 किलोमीटर की मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में कुल आठ सुरंगों का निर्माण होना है जिनमें से एक मुंबई के बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स से ठाणे तक 21 किलोमीटर तक भूमिगत मार्ग शामिल है। इसमें 7 किलोमीटर ठाणे क्रीक के नीचे का रास्ता शामिल है।

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