बीच सडकपर लगता हैं बाजार नगर प्रशासन अब भी कुंभकर्णी निद्रा में

नगर प्रशासन के लचर कार्यप्रणालीसे दिनब दिन शहर की सडके सीकुडती जा रहा है। अब तो आलम यह है करिब तीस फुट चौडी सडकोपर मोटरसायकल चलाना याने आफत मोल लेने जैसा है।
ज्ञात हो की शहर के गडकरी चौकसे जयस्तंभ तक के रास्तोपर सागभाजी तथा फल विक्रेताओने डेरा डालनेसे तीस फुटकी सडक तीन फुट की भी नही बचती और अगर गलतीसे इन दुकानदारोसे रास्तोपर दुकाने न लगाने के बारेमे बोला जाय तो वे मारपीट तथा झगडेपर उतारु होते है।शहर के लिए गंभीर समस्या बनते इस विषय पर नगर प्रशासन को अनेको ज्ञापन देकर भी कुछ हल नही निकलता देख नगर प्रशासनने बाजार चिठ्ठी वसुली का कार्य नीजी ठेकेदार को प्रदान कर समस्याका हल निकलना चाहा लेकीन उनका यह कदम सफल न होते हुये और भी गहराने लगा. अबतो यह हालात है की बाजार चौक स्थीत पुरानी सब्जी मंडी मे एक दो दुकाने और उक्त सडक सागभाजी तथा फलोकी दुकानोसे पटी पडी है।
गडकरी चौक से काटोल कलमेश्वर हेतू भारी वाहन तथा बसोका नीयमीत आवागमन रहता है ऐसे में कभीभी बडे हादसे का डर बने रहता है. समय रहते नगर प्रशासन व्दारा रास्तोपर लगती दुकानोके विषयमे ठोस कदम नही उठाये गये तो कभीभी बडी अनहोनी घटीत होकर अनेकोके जानपर बन आसकती है।

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