काटोल।
इस साल लगातार बारिश से किसान प्रभावित हुए हैं। काटोल- नरखेड़ तालुका में सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई है। भारी बारिश ने कपास की फसल को तने के सड़ने, कपास के पौधे हवा चलने वजह से जमीन पर गिर गए। और फूलों और पातीयों के झड़ने के भारी नुकसान हुआ है। तालुका में संतरे और मौसंबी गलने के वजह से बड़ा नुकसान हुआ है। 50 फीसदी संतरा और मोसंबी की फसल बर्बाद हो गई है। उड़द और मूंग ये दोनों फसलें पहली बारिश मे ही खत्म हुई हैं। लगातार फसल का नुकसान होने से किसानों की हालत पहले से ही खराब हो चुकी है। साथ ही इस बारिश से हाथ में आई हुई फसल हाथ से निकल जाने की स्थिति में है। इसलिए विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष वृषभ वानखेड़े ने मांग की, कि सरकार प्रभावित किसानों की तुरंत मदद करे। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने सोयाबीन के लिए 25 हजार रुपये प्रति हेक्टर, कपास के लिए 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और मौसंबी के लिए 75 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की मांग की है। सरकार से भीगना सुखा घोषित करने, कृषि पंपों के बिजली बिल माफ करने, ई-फसल निरीक्षण प्रणाली को खत्म करने और किसानों को कर्ज से मुक्त करने की मांग की गई है। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से वृषभ वानखेड़े ने चेतावनी दी है कि बिना पंचनामा के किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाए। अन्यथा किसानों को संगठित करके आंदोलन तीव्र करने का इशारा दिया है।