बिजली के बढते संकट मे कोयला खदाने बंद होने के कगार पर.

जिससे चंद्रपुर महाऔष्णिक विद्युत केंद्र को लगभग ६ हजार टन कोयला आपुर्ती प्रभावीत हो सकता है जिससे बिजली उत्पादन पर इसका असर पडेगा , अगर ऐसा हुवा तो बिजली उत्पादन घटेगा जिससे राज्य में लोडशेडींग बढ़ सकती है इस संकट के बारे मे उर्जा राज्य मंत्री प्राजक्त तनपुरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस मे आगाह किया है.

लेकिन वेकोली दुर्गापूर खदान का कोयला उत्पादन तकनीकी कारणो से बंद होने की बात सामने आने से एैसा लग रहा है की वेकोली द्वारा कोयला उत्पादन बंद करने का सिलसिला शुरू है
हाल ही में वेकोली चंद्रपूर क्षेत्र ने पदमापुर खुली खदान का उत्पादन बंद करने का निर्णय लिया था जिसमे फारेस्ट क्लीयरिंग न होनी की वजह से उत्पादन बंद करने की जानकारी सामने आयी थी ,
अब आगामी कुछ दिनों में दुर्गापूर कोयला खदान में भी तकनीकी कारणो से कुछ माह के लिये उत्पादन बंद होने की बात सामने आने से वेकोली कर्मचारी और कामगार संघटनो मे हड़कंप मच गया ,

एक और राज्य में कोयले की कमी होने से लोडशेडिंग हो रही ,ऐसी स्थिति में वेकोली द्वारा कोयला उत्पादन बंद करने की जानकारी आने से वेकोली प्रबंधन के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचीन्ह उपस्थित किये जा रहे है.

लेकिन वेकोली प्रबंधन इस बात से इंकार कर रही है की कोयला उत्पादन बंद होगा. इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए दुर्गापूर उपक्षेत्र के उपक्षेत्रीय प्रबंधक से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि दुर्गापूर खदान का कोयला उत्पादन शुरु रहेगा. खदान मे निजी ठेकेदार को ओबी हटाने का काम दिया जा रहा है. इसका टेंडर भी हुआ है. आगामी कुछ दिनों में ठेकेदार द्वारा काम भी शुरू होगा , औऱ कोयला निकालने का काम वेकोली करने वाली है. और कुछ ओबी का काम भी वेकोली ही करने वाली है.

तो वही वेकोली से आगामी कुछ दिनों में कोयले की आपुर्ती बंद होने के बारे मे जब सिएसटिपीएस के प्रशासन से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि कोयला आपुर्ती के लिये एक विशेष विभाग है. हमारे पास इसकी कोई जानकारी नही है. एैसा कहा

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