कानपुर/वाशिंगटन. देश में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान रोज 4 से 8 लाख तक केस आ सकते हैं. गणितीय मॉडल के आधार पर कानपुर आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो.मणींद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि इस दौरान मुंबई में रोज 30 से 60 हजार और दिल्ली में पीक के दौरान 35 से 70 हजार तक केस आएंगे. डॉ.अग्रवाल ने अध्ययन के आधार पर कहा, केस बढ़ने पर स्थानीय स्तर पर अस्पतालों में बेड की कमी भी हो सकती है। पीक के समय देश में संक्रमित होने वालों की तुलना में डेढ़ लाख बेड की जरूरत पड़ सकती है. इससे पहले प्रो.अग्रवाल ने एक ट्वीट में कहा था कि पीक के दौरान रोज देश में दो लाख तक केस आएंगे. इस पर उन्होंने कहा कि पहले दक्षिण अफ्रीका में आ रहे केस के आधार पर भारत में संक्रमण फैलने की रफ्तार का आकलन किया, पर अब जब देश में संक्रमण फैलने की शुरुआत हुई तो मॉडल में आंकड़े बदल गए हैं. अब सामने यह आया है कि देश में संक्रमण फैलने की रफ्तार दक्षिण अफ्रीका के मुकाबले कई गुना अधिक होगी. अमेरिका के ‘इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन’ (आईएचएमई) के निदेशक और वाशिंगटन विश्वविद्यालय में हेल्थ मेट्रिक्स साइंसेज के अध्यक्ष क्रिस्टोफर मरे का कहना है कि भारत समेत दुनिया भर के देशों में ‘ओमिक्रॉन वेव’ आने वाली है. उनका अनुमान है कि इस बार डेल्टा लहर की तुलना में प्रतिदिन अधिक मामले होंगे, लेकिन ओमिक्रॉन का असर बहुत कम गंभीर होगा. हां, मरीजों के सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं. मरे ने कहा कि पीक के दौरान लगभग 5 लाख मामले सामने आने की उम्मीद है. पीक अगले महीने आ सकता है. टीकाकरण गंभीर बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वालों और मृत्यु से काफी सुरक्षा प्रदान करेगा.
दिल्ली-मुंबई में इसी माह पीक संभव
प्रो.अग्रवाल के मुताबिक दिल्ली और मुंबई में पीक जनवरी के तीसरे सप्ताह में आ सकता है. इस दौरान मुंबई से अधिक केस दिल्ली में मिलेंगे. मुंबई में केसों की तुलना में 10 हजार बेड, दिल्ली में केसों की तुलना में 12 हजार बेड की जरूरत पड़ सकती है.