दिग्रस।
महाराष्ट्र सरकार ने खेत के बांध से खेत की फसल के निरीक्षण के लिए ई-फसल निरीक्षण परियोजना (पीक पाहणी प्रकल्प) का आगाज कर तो दिया है। लेकिन ई-फसल निरीक्षण के लिए किसानों को विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में उक्त परियोजना सरकारी यंत्रणा के माध्यम से चलाई जाए ऐसी मांग दिग्रस शहर प्रहार जनशक्ति पार्टी ने उठाई है। इस संदर्भ में हाल ही में प्रहार संगठन ने तहसीलदार राजेश वजीरे के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री व कृषिमंत्री को ज्ञापन सौंप कर किसानों की समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षित किया है। ज्ञापन के अनुसार सरकार द्वारा शुरू की गई उक्त परियोजना अपनी जगह भलेही किसानों के हित में है, लेकिन सवाल यह है कि किसान खेत में हल चलाये या फिर इस ई-फसल निरक्षण परियोजना के तहत हाथ मे एंड्राइड मोबाइल पकड़े। मालूम हो की महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को खेत के बांध से ही ई-फसल परीक्षण के जरिये फसल की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उक्त परियोजना अमल में लायी है। इस परियोजना के तहत किसानों को खेत से ही मोबाइल में फसल की जानकारी लिख कर सम्मिलित करने का आवाहन किया है। हकीकत ये भी है कि किसान किसी तरह मोबाइल में सरकार द्वारा निर्देशित फसल की जानकारी दिए गए एप में समाविष्ट करता भी है तो क्या खेंतो में नेटवर्क की सरकार गारंटी देगी ? यह भी अहम सवाल है,क्यो की अक्सर खेत-खिलहान शहर से दूर होते है और हर खेत मे मोबाइल नेटवर्क की रेंज पर्याप्त या सुचारू रूप से उपलब्ध नही होती। इसके अलावा हर किसान के पास मोबाइल हो ये भी जरूरी नही। कई किसानो के पास मोबाइल भी नही है और कई किसान मोबाइल चलना भी नही जानते। ऐसे में ई-फसल परियोजना के तहत दिए गए समय मे मोबाइल के जरिये खेत का सातबारा, फँसलों की फेहरिस्त, फसल कर्ज, सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदा अनुदान, फसल बीमा आदि लाभ से किसान वंचित रहने की संभावना अधिक है। ऐसे में उक्त परियोजना सरकारी यंत्रणा के माध्यम से चलाये जाने का आग्रह प्रहार जनशक्ति पार्टी ने उक्त ज्ञापन में राज्य के मुख्यमंत्री और कृषिमंत्री से किया है। तहसीलदार राजेश वजीरे को ज्ञापन सौंपते समय प्रहार के धीरज आडे, सागर दुर्गे, अशोक पवार, उमेश राऊत, शे अतिक शे रफिक, संजय होलगरे, गजानन धनगर, सुनिल आडे सहित प्रहार कार्यकर्ता उपस्थित थे।