नई दिल्ली। (एजेंसी)।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का दायरा बढ़ा रही है. ‘पीएम-जय’ ने अन्य सरकारी योजनाओं को अपनाना शुरू कर दिया है. राज्य सरकारों की पहल पर इस योजना के विकास के लिए कई संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है. डॉ. पॉल ने उद्योग जगत से स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का आह्वान भी किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हेल्यकेयर पर अपना बजट बढ़ाएगी. डॉ. पॉल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और नीति आयोग की ओर से आयोजित कार्यक्रम फिक्की हील 2021 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं.डॉ. पॉल ने कहा कि सरकार पीएम -जय योजना को और बेहतर करना जारी रखेगी. अभी तक जो संस्थान इसका भाग नहीं बने हैं, उन्हें भी इसके साथ साझेदारी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें बाकी अस्पतालों को पीएम-जय में शामिल करने के लिए काम करना चाहिए. देश को क्रिटिकल मेडिसिन और इमरजेंसी मेडिसिन के क्षेत्र में विस्तार करने की जरूरत है और इसे आगे बढ़ाया जाना है. इसके लिए इसके लिए एक नेशनल नेटवर्क आॅफ एक्सीलेंट इमरजेंसी एंड ट्रॉमा सिस्टम बनाने की जरूरत है. जिसके लिए उद्योग जगत की सहायता की जरूरत है.
दोगुना होगा हेल्थकेयर बजट
डॉ. पॉल ने कहा कि राज्य सरकारें हेल्थकेयर का अपना बजट बढ़ाने की योजना बना रही हैं और इसे मौजूदा 4.5 प्रतिशत से तकरीबन 8 प्रतिशत करने की योजना है. इससे हेल्थकेयर की स्थिति को बेहतर किया जा सकेगा. उन्होंने निजी क्षेत्र से अपील की है कि वह अगले साल के बजट के लिए सुझाव दें और यह भी बताएं कि आयुष या देश के परंपरागत औषधि क्षेत्र को कैसे मजबूत किया जाए और कैसे उसका उपयोग किया जाए.
जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों में बदलना चाहिए
स्वास्थ्य संरचना पर अपने विचार रखते हुए डॉ. पॉल ने कहा कि हमें ज्यादा जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदलने के मौके पर ध्यान देना चाहिए, ताकि मानव संसाधनों को बढ़ाने में मदद मिले. उन्होंने निजी क्षेत्र से यह अपील भी कि डीएनबी शिक्षा पर फोकस बढ़ाए, जिससे देश में स्पेशलिस्ट डॉक्टर बेहतर हों.