नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण मामले पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि इस मामले में टास्क फोर्स के गठन की जरूरत है. ताकि अदालत के निर्देशों का सही से पालन हो सके. उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स को फ्लाइंग स्क्वायड की शक्तियां दी जाए, जो निर्देशों का उल्लंघन करने पर तत्काल एक्शन ले सकें. जैसे सीज करने की शक्तियां दी जाएं. विकास सिंह ने कहा कि लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, वो सभी के लिए एक जैसे होने चाहिए. इसके बाद सीजेआई ने स्कूल बंद नहीं किए जाने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं, अखबारों में आ रहा है. कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करा रहे हैं और बच्चे स्कूल भेजे जा रहे हैं. तभी दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने दो मिनट का समय मांगा, तो सीजेआई ने कहा कि हम विपक्ष नहीं हैं. जो बेवजह आपकी निंदा करें. हमें बस लोगों की चिंता है. सीजेआई ने कहा कि आप कुछ नहीं करेंगे तो हमें बंद करना पड़ेगा. सीजेआई ने पूछा कि दिल्ली सरकार के पास कितने उड़न दस्ते हैं. केंद्र सरकार के पास कितने हैं. इसपर सिंघवी ने कहा कि उड़न दस्तों की बहुलता केवल भ्रम को बढ़ाएगी. मुझे यह स्पष्ट करना चाहिए. निरीक्षण करने के लिए टीमें हैं. सीपीसीबी और प्रदूषण बोर्ड के उड़न दस्ते हैं. कोर्ट ने कहा कि आप लोग सिर्फ दलीलें देते हैं और समय बर्बाद करते हैं. फिर सिंघवी बोले कि ऐसा नहीं है. कई उड़न दस्ते हैं और हमने कल के हलफनामे में बताया भी है. इसके अलावा प्राधिकार काम कर रहे हैं.
सरकारों को दिया 24 घंटे का वक्त
प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कार्यान्वयन पर कुछ ठोस प्रस्ताव देने के लिए केंद्र, दिल्ली और राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट से 24 घंटे का समय दिया है. कोर्ट ने कहा कि वह कल सुबह 10 बजे 30 मिनट पर बैठेगा. अगर केंद्र एक संतोषजनक तंत्र के साथ आने में विफल रहता है, तो कुछ आदेश पारित करेगा. सीजेआई ने कहा कि आपकी प्रदूषण के वायु गुणवत्ता आयोग में कितने सदस्य हैं. एसजी ने कहा कि 16 सदस्य हैं. कोर्ट ने कहा कि निर्देशों को लागू कराने की शक्तियां नहीं हैं. एसजी ने कहा कि वे मैं मंत्री से बात करके ही इसपर जवाब देंगे.