पॉप सिंगर यो-यो हनी सिंह को कोर्ट में वॉइस सैंपल जमा करवाने आदेश

नागपुर। (नामेस)। गानों में कई तरह के आपत्तिजनक अंश होने तथा इससे युवा पीढ़ी पर पड़ते दुष्प्रभाव को लेकर पॉप सिंगर यो-यो हनी सिंह के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत की गई थी. इसके बावजूद मामला दर्ज नहीं किए जाने से अंतत: जिला सत्र न्यायालय में प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के समक्ष शिकायत की गई. अदालत ने आदेश के बाद हनी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. इस मामले में पुलिस की ओर से जांच के दौरान हनी सिंह के वॉइस सैंपल की आवश्यकता जताई गई, किंतु अब तक सैंपल नहीं दिए गए. बुधवार को  हनी सिंह द्वारा दायर अर्जी पर सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की दलीलों के बाद अति. सत्र न्यायाधीश एसएएसएम अली ने उन्हें वॉइस सैंपल के लिए 4  से लेकर 11 फरवरी के बीच पुलिस के समक्ष उपस्थित होने के आदेश दिए. शिकायतकर्ता की ओर से अधि. रसपाल सिंह रेणु ने पैरवी की. मामले में अदालत ने शर्तों के आधार पर हनी सिंह को 27 अक्तूबर 2015 को जमानत प्रदान की थी. शर्तों के अनुसार अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने के आदेश दिए गए थे. इन्हीं आदेशों के अनुसार अब उन्होंने 20 मार्च तक दुबई जाने की अनुमति देने की मांग कर अर्जी दायर की. उनके वकील की ओर से बताया गया कि याचिकाकर्ता ने इसके पूर्व भी समय-समय पर अदालत से अनुमति ली है. कभी भी जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया गया है. अदालत द्वारा जो भी शर्तें रखी गईं उनका पालन किया गया है. अत: इस समय भी दुबई में कार्यक्रम होने के कारण अनुमति देने का अनुरोध अदालत से किया गया. अर्जी का विरोध करते हुए जांच अधिकारी ने बताया कि प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी-5 द्वारा याचिकाकर्ता हनी सिंह का वॉइस सैंपल रिकॉर्ड करने के आदेश जारी किए गए हैं. इस संदर्भ में 10 जनवरी को ही उन्हें पत्र जारी किया गया, जिसमें 25 जनवरी को पुलिस के समक्ष उपस्थित रहने को कहा गया था. लेकिन ई-मेल कर याचिकाकर्ता ने असमर्थता जताई थी. चूंकि जांच में याचिकाकर्ता द्वारा सहयोग नहीं किया जा रहा है और यदि उसे विदेश जाने की अनुमति दी गई तो संभवत: वह अदालत में भी उपस्थित न रहे, इसलिए अर्जी ठुकराने की मांग अदालत से की गई. हनी सिंह की ओर से बताया गया कि परफार्मेंस एग्रीमेंट के अनुसार 14 फरवरी और 18 मार्च को दुबई में होने वाले कार्यक्रम में उपस्थित रहना जरूरी है. वे वॉइस सैंपल भी देने के लिए तैयार हैं. दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किया.

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