गुरुवार को अमलतास पर्यटन परिसर, सिल्लारी में पेंच टाइगर परियोजना नागपुर के उप निदेशक डॉ.प्रभु नाथ शुक्ला की अध्यक्षता में परियोजना के बफर जोन में वर्षा सिंचित पर्यटन शुरू करने के संबंध में पेंच टाइगर परियोजना के आसपास के रिसॉर्ट संचालकों के साथ विचार-विमर्श किया गया.
इस परिचर्चा में पवनी बफर क्षेत्र में मौजूदा पर्यटन मार्ग की लंबाई एवं स्थिति पर भी चर्चा की गयी. साथ ही पवनी बफर क्षेत्र में नये नेचर ट्रेल के निर्माण पर भी चर्चा की गयी. पेंच रिज़ॉर्ट एसोसिएशन के माध्यम से उप निदेशक से विभिन्न मांगें की गईं।रिसॉर्ट मालिकों ने विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणी की जैसे कि सिलारी पर्यटन परिसर में प्रबंधन और बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, प्रकृति गाइडों की ग्रेडिंग, पर्यटकों को उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रकृति गाइडों का प्रशिक्षण। बाघ संरक्षण के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही संरक्षण में रिसॉर्ट संचालकों के योगदान के संबंध में अतुल देवकर ने भूमिका निभाई।
उप निदेशक ने नेचर गाइड और रिसॉर्ट संचालकों से अपील की कि वे पर्यटकों के बीच बाघों के साथ-साथ अन्य जानवरों और जंगल की समृद्ध जैव विविधता के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयास करें। उप निदेशक ने आशा व्यक्त की कि रिसॉर्ट संचालक संरक्षण शुल्क के माध्यम से बाघों के संरक्षण में बहुमूल्य योगदान देंगे और उन्हें रिसॉर्ट संचालकों द्वारा की गई सभी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। रिसोर्ट चालक मोहब्बतसिंह तुली, चंद्रपाल चोकसे, नवीन चौकसे, संदीप सिंह, विशाल वैद्य, स्वानंद सोनी, साथ ही जिप्सी चालक प्रतिनिधि वर्मा, गाइड प्रतिनिधि और वन विभाग के सहायक वन संरक्षक अतुल देवकर, वन रेंज अधिकारी मंगेश tate, प्रियदर्शन बाभाले, प्रदीप संकपाल एवं प्रतीक मोदवान उपस्थित थे।
Sunday, November 24, 2024
Offcanvas menu