नागपुर।(नामेस)। धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार सुपारी व्यापारी से अदालत और पुलिस में पहचान का झांसा देकर 30 लाख रूपए की हफ्ता वसूली किए जाने का मामला सामने आया है. पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार की सतर्कता से यह प्रकरण सामने आया है. तहसील पुलिस थाने में मेयो अस्पताल चौक स्थित वासन वाइन शॉप के संचालक चर्चित अशोक वंजानी, भाई मनोज वंजानी और जलगांव के सौरभ केशवानी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस कार्रवाई से सुपारी कारोबार में खलबली मची हुई है. अनूप नागरिया के खिलाफ गत दिनों धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने मऊरानीपुर ट्रांसपोर्ट से फर्जी दस्तावेज से सुपारी बुलाई थी. जांच के आधार पर ब्रांच ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर नागरिया को 5 दिन तक हिरासत में रखा था.1 फरवरी को उनकी जमानत पर रिहाई हुई थी. इस प्रकरण पर पुलिस आयुक्त की पैनी नजर थी. उन्हें इस प्रकरण में आरोपी द्वारा पुलिस और अदालत में पहचान का भय बताकर नागरिया से उगाही किए जाने का पता चला. पुलिस आयुक्त के निर्देश पर नागरिया से पूछताछ की गई. जिसमें सच्चाई का खुलासा होने पर वासन बंधु और सौरभ केशवानी के खिलाफ हफ्ता वसूली का मामला दर्ज किया गया. सूत्रों के अनुसार मनोज वंजानी ने नगरिया के भाई से संपर्क किया. उन्हें अनूप नागरिया जेल से रिहा नहीं होगा, हमारी अदालत और पुलिस में ऊपर तक पहचान है बोला. अनूप नगरिया को रिहा कराने तथा केस से बाहर निकालने के बदले में 60 लाख रुपए की मांग की. मनोज वंजानी ने अनूप के बड़े भाई को जलगांव के सौरभ केसवानी की ऊपर तक पहुंच होने का बताते हुए उससे बात कराई. केशवानी ने अनूप के भाई को भयभीत करके रुपए वंजानी बंधुओं को देने को कहा जिसके बाद अनूप के भाई ने वंजानी बंधुओं को 30 लाख दे दिए. पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने सोमवार को जांच की. इसके बाद वंजानी बंधुओं के खिलाफ तहसील थाने में मामला दर्ज किया गया.
आरोपी 21 तक पुलिस कस्टडी में
इस मामले में इतवारी के एक चर्चित हवाला कारोबारी ने भी भूमिका निभाई है. उसके माध्यम से ही केशवानी को उगाही की राशि जलगांव भेजी गई थी. इस व्यापारी के खिलाफ समय-समय पर कार्यवाही भी की गई है. बुधवार को पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों क्वेटा कॉलोनी निवासी रतन राणा (38) और नरेश चतुरजी परमार (34) को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां कोर्ट ने उन्हें 21 फरवरी तक पुलिस कस्टडी रिमांड में भेज दिया है.