देहरादून। (एजेंसी)।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 35 पीएसए आॅक्सीजन प्लांट की सौगात दी है। उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित एम्स में हो रहे कार्यक्रम से इसकी शुरूआत हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोरोना से लड़ाई में आॅक्सीजन सप्लाई से लेकर वैक्सीन तक की चुनौती थी। साथ ही कहा कि सरकार हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलना चाहती है।
कोरोना काल में आॅक्सीजन की चुनौती से निपटे
मोदी ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में बड़ी जनसंख्या तो एक चुनौती थी ही, साथ ही हमारी भौगोलिक स्थिति भी चुनौती थी। यह चुनौती देश के सामने आती रहीं। देश इनसे कैसे लड़ा, हर देशवासी के लिए जानना बहुत जरूरी है। सामान्य दिनों में एक दिन में 900 मीट्रिक टन लिक्विड आॅक्सीजन का प्रोडक्शन होता था। डिमांड बढ़ते ही भारत ने इसका प्रोडक्शन दस गुना से भी ज्यादा बढ़ाया। दुनिया के किसी भी देश के लिए यह अकल्पनीय लक्ष्य था, लेकिन भारत ने इसे हासिल करके दिखाया।
आॅक्सीजन सप्लाई के लिए युद्धस्तर पर काम किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि आॅक्सीजन की सप्लाई के लिए भी खास टैंकर की जरूरत होती है। लॉजिस्टिक की इतनी चुनौतियों से जूझते हुए देश ने युद्ध स्तर पर काम किया। हमने दुनिया में जहां से भी संभव हो आॅक्सीजन प्लांट और आॅक्सीजन टैंकर मंगाए। वायुसेना के विमान लगाए गए। डीआरडीओ की मदद से तेजस फाइटर प्लेन लगाए गए। इससे काम तो तेज हुआ ही। एक लाख आॅक्सीजन कंसेंट्रेटर के लिए पैसा भी दिया गया।
4000 नए आॅक्सीजन प्लांट मिलेंगे
मोदी ने कहा कि भविष्य में कोरोना से लड़ाई और पुख्ता हो इसके लिए 1100 से अधिक आॅक्सीजन प्लांट काम करना शुरू कर चुके हैं। पीएम केयर फंड से हर जिला पीएसए आॅक्सीजन प्लांट से जुड़ गया है। देश को चार हजार नए आॅक्सीजन प्लांट मिलने जा रहे हैं। आॅक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में देश के अस्पताल पहले से ज्यादा सक्षम हो रहे हैं।