पशुपति व्रत से प्राप्त होते है अनेक लाभ

नागपुर. शिव का भक्त हमेशा जिंदादिली से मुस्कराते रहता है. सेवा कर दूसरे की तकलीफों को मिनटों में दूर करता है. उपराजधानी के बाहदुरा फाटा दिघोरी में शुरू महाशिवपुराण कथा के दूसरे दिन में जनसागर शिव भक्ति में तल्लीन था. अंतर्राष्ट्रीय कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा में समा बांध दिया.
पंडितजी ने कहा की जो भी भक्त सच्चे मन लगन से शिव की पूजा आराधना करता है, शिव उसकी जिंदगी में अपार खुशियां लाते है. इसलिए तो एक लोटा जल सभी समस्या का हल कहा गया है. शिव के मंदिर के सामने माथा भी टेक लिया तो भी शिव सुनते है.
महाशिवपुराण में माता रेणुका की कथा सुनते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा की कच्चे घड़े में जल कैसे टिकता है. यह सवाल किया गया तो माता रेणुका ने कहा की उसने पहले मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण किया. उसके बाद बची हुई मिट्टी से घड़ा बनाया. इसलिए कच्ची मिट्टी का घड़ा टीका है.
पंडित मिश्रा ने कहा की अच्छा मिस्त्री और अच्छी स्त्री घर को स्वर्ग बना सकती है. मिस्त्री अच्छा नहीं हुआ तो चल भी जाएगा, परंतु स्त्री-पुरुष के विचारों के अनुसार या पुरुष-स्त्री के विचार मिलना जरूरी है. तभी स्वर्ग बनेगा. वर्ना रोज-रोज मच मच होंगी.
जैसे जंगल में पेड़ों पर लाल या सफेद रंग की पुताई वन विभाग वाले करने बाद कहते है की पेड़ सरकारी हो गया. वैसे ही माथे पर तिलक लगाने के बाद स्वयं शिव उसकी रक्षा करते है, इसलिए सनातन में तिलक की महत्ता है. लोग कहेंगे हमने तो इनको मोमबत्ती और अन्य पकड़ाना चाहा था, पर ये सही एक लोटा जल शिव को चढ़ाने में व्यस्त हो गए. सनातन सबसे श्रेष्ठ है.
व्यास पीठ से पंडित प्रदीप मिश्रा ने आए हुए पत्रों को पढ़ते हुए शिव की पूजा विशेषकर पशुपति व्रत हुए से लाभ के अनेक साक्षात्कार करवाए. जिसने अनेकों को संतान सुख की प्राप्ति तथा छोटीसी बच्ची कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से मुक्ति मिली.
इस दौरान कथा में मौजूद अपार जनसागर ने अनेक भजनों का आनंद शिव भक्ति में तल्लीन होकर लिया. महिलाएं भजनों पर अपने बाबा की भक्ति में झूम रही थी. इस अवसर पर विधायक मोहन मते, टेकचंद सावरकर, राम मंदिर गांधीसागर तलाव के महंत तथा अनेक धर्माचार्य मौजूद थे. कथा का समापन गणमान्य अतिथियों के माध्यम से आरती कर हुआ.

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