2024 के लोकसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग ने शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का राष्ट्रीय दर्जा खत्म कर बड़ा झटका दिया है। इसके साथ ही आयोग ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार मराठा छत्रप शरद पवार ने गोवा, मणिपुर और मेघालय में भी राज्य पार्टी का दर्जा खो दिया है। सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद शरद पवार ने 25 मई 1999 को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा और तारिक अनवर के साथ मिलकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी। पार्टी स्थापना के बाद से ही पवार की क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और ताकत बढ़ती चली गई थी। 1999 में पार्टी गठन के तुरंत बाद हुए तेरहवीं लोकसभा के चुनावों में शरद पवार की पार्टी ने कुल 132 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, जिसमें से 8 पर जीत हासिल हुई थी। तब एनसीपी ने देशभर में कुल 2.27 फीसदी वोट परसेंट हासिल किए थे। धीरे-धीरे एनसीपी का वोट परसेंट गिरता चला गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि लोकसभा चुनावों में पार्टी को 1999 में जहां 2.27 फीसदी वोट शेयर मिले थे, वह पांच साल बाद यानी 2004 में गिरकर 1.80 फीसदी, 2009 में 1.19 फीसदी, 2014 में 1.04 फीसदी और 2019 में 0.93 फीसदी रह गया। यानी स्थापना वर्ष के बाद मराठा छत्रप की पार्टी को कभी भी दो फीसदी से ज्यादा वोट शेयर नहीं मिल सके।
Saturday, November 23, 2024
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