राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार के अडानी मुद्दे को लेकर दिए बयान के बाद सियासी बयानबाजी जारी है। है। इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि शरद पवार और उनकी पार्टी ने अपना मत रखा है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। पहले भी जेपीसी की मांग की गई थी और वह प्रभावी थी तो आज वे जेपीसी की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं? मोदी अडानी पर कुछ क्यों नहीं कह रहे, एलआईसी और एसबीआई से पैसा निकाल लिया गया है, यह बात सभी जानते हैं। नाना पटोले ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान जेपीसी को लागू किया जब विपक्ष ने मांग की और संसद को बंद नहीं किया। यहां पूरा सत्र हंगामेदार रहा। राहुल गांधी बार-बार 20,000 करोड़ रुपये के बारे में पूछ रहे हैं।
इससे पहले कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्वीट करते हुए लिखा था,’डरे हुए, लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं। देश के लोगों की लड़ाई एक अकेले राहुल गांधी लड़ रहे हैं। पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी।’
पवार ने कहा,’मैं पूरी तरह से जेपीसी के खिलाफ नहीं हूं … कई बार जेपीसी गठित हुई है और मैं कुछ जेपीसी का अध्यक्ष रहा हूं। जेपीसी का गठन (संसद में) बहुमत के आधार पर किया जाएगा। जेपीसी के बजाय, मेरा विचार है कि उच्चतम न्यायालय की समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी।’ राकांपा प्रमुख ने यह भी कहा कि उन्हें अमेरिका स्थित ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के पिछले इतिहास की जानकारी नहीं है, जिसने अरबपति गौतम अडाणी की कंपनियों में शेयर और लेखांकन में हेरफेर तथा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। पवार ने कहा, ‘‘एक विदेशी कंपनी देश में स्थिति का जायजा लेती है। हमें यह तय करना चाहिए कि इस पर कितना ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके बजाय (जेपीसी) उच्चतम न्यायालय की एक समिति अधिक प्रभावी होगी।”
Sunday, November 24, 2024
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