चंडीगढ़। (एजेंसी)।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रेलवे ट्रैक पर धरने के दौरान आरपीएफ द्वारा किसान संगठनों के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का आदेश दिया है। पंजाब सूचना और जनसंपर्क विभाग ने यह जानकारी दी।
बता दें कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के ‘भारत बंद’ का पंजाब में सबसे ज्यादा असर देखने को मिला था। पूरे दस घंटे राष्ट्रीय राजमार्ग सहित लगभग सभी सड़कों पर आवागमन ठप रहा। फिरोजपुर मंडल की करीब 40 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित रहीं। सड़क व रेल यातायात बाधित रहने से जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
किसानों के समर्थन में है पंजाब मंत्रिमंडल
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर सोमवार को अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रस्ताव पास करके किसानों और उनकी मांगों के प्रति एकजुटता प्रकट की गई थी। चन्नी ने कहा कि यह कानून किसानों की रोजी-रोटी और उनकी भावी पीढ़ियों के लिए खतरा है।
एक अन्य फैसले में चन्नी सरकार ने आशीर्वाद योजना के तहत उन बालिकाओं के संबंध में 32,790 रुपये की वार्षिक आय सीमा में छूट देने का आदेश दिया, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता या दोनों को खो दिया है। पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सरकार ने अप्रैल में एक और चुनावी वादा पूरा करते हुए आशीर्वाद योजना के तहत वित्तीय सहायता राशि को प्रति लाभार्थी 21000 रुपये से बढ़ा 51000 रुपये करने को मंजूरी दी थी। कैबिनेट ने इस योजना के तहत बकाया निपटान की हिदायत भी दी थी।
इस योजना के तहत दिसंबर 2020 तक की अदायगी पहले ही कर दी गई है। योजना के तहत यह ताजा विस्तार एक जुलाई, 2021 से लागू हुआ। कैप्टन सरकार की ओर से स्कीम की राशि में किया गया यह दूसरा विस्तार था। 2017 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद सहायता राशि 15000 रुपये से बढ़ाकर 21000 रुपये की गई थी और शगुन स्कीम का नाम बदलकर आशीर्वाद योजना रखा गया था।