पंचकर्म चिकित्सा पद्धति मधुमेह व ब्लडप्रेशर में हैं कारगर

मधुमेह और ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियां आयुर्वेद पद्धति से नियंत्रित की जा सकती हैं। डायबिटीज और हार्ट के पेशेंट खानपान, एक्सरसाइज, पंचकर्म और नियमित रूप से दवाओं के सेवन के बाद पूरी तरह से स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं। पंचकर्म, आयुर्वेदिक दवाएं और जीवन शैली को नियंत्रित कर गंभीर मधुमेह और हृदयरोगी कुछ माह में ठीक होने लगते हैं। अब अपने आहार के लगने वाली साग सब्जी, अनाज तथा फल सभी पर किटी नाशक औषधियों की फवारनी के चलते आम नागरिकों को अनेक समस्याओं के सामने जाना पडता है, इसके लिये जैविक खेती के माध्यम से उत्पादित खेती उत्पादन का उपयोग करने की सलाह कार्यक्रम के अध्यक्ष तथा राज्य कृषि परिषद के अध्यक्ष चंदन मित्र पुरस्कृत दिनेश ठाकरे द्वारा अपने अध्यक्षीय मार्गदर्शन में बताया वे कोंढाली के समिपस्थ सालई (खुर्सापार) स्थित, माधवबाग के ओर से यहां के 9 वे स्थापना दिवस पर आयोजित हृदय रोग मुक्त भारत अभियान तथा रक्तचाप के भय से आजादी कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर उन तमाम मरीजों ने अपने अनुभव सुनाए जिन्होंने माधवबाग के आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति तथा खानपान पर नियंत्रण और नियमित रूप से एक्सरसाइज कर मधुमेह और हृदय रोग पर काबू पाया। माधवबाग के 9 वे स्थापना दिवस समारोह के उद्घाटक काटोल उप वनअधिकारी ए सी एफ प्रज्योत पालवे ने बताया कि माधवबाग ने आयुर्वेद की सैकड़ों साल पुरानी पंचकर्म चिकित्सा पद्धति और कुछ आयुर्वेदिक दवाओं से अब तक सैकड़ों मधुमेह और हृदयरोगियों को ठीक किया है। यह हृदयरोग मुक्त भारत अभियान के लिये वरदान साबित होगा।
काटोल के नायब तहसीलदार निलेश कदम ने माधवबाग के बताया कि हृदय रोग के भय से आजादी पाने के लिये मरीजों के लिए है जो लंबे से मधुमेह और हृदय रोग से पीडि़त हैं। उन्हें हृदयरोग मुक्त भारत के संपकल्पना अभियान के चलते भारत की सालों पुरानी पंचकर्म चिकित्सा पद्धति के जरिए इलाज किया जाता है। विदेशों में आयुर्वेद और उसकी चिकित्सा पद्धति बड़ी तेजी के साथ लोकप्रिय हो रही है। दिल और मधुमेह के ज्यादातर मामले तनाव, अनियमित जीवन शैली, अनियंत्रित खानपान आदि की वजह से होते हैं। यह जानकारी दी। पंचकर्म अपनाने के बाद व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। उसमें न केवल ऊर्जा का संचार होता है बल्कि रोग पर भी कारगर नियंत्रण होता है।
आदर्श ग्राम पंचायत खुर्सापार के सरपंच सुधीर गोतमारे ने विषेश मार्गदर्शन में बताया की सबसे पहले कोई भी बिमारि को अपने अपने गांव में आने से रोकने का पुरा प्रयास किया जाए। आयुर्वेद तथा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से माधवबाग में के हृदय रोग चिकित्सा तथा पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से विगत नव वर्षों में सैकडो गंभीर हृदय और मधुमेह रोगी माधवबाग के आहार विहार तथा विचार के साथ दिया जानेवाले मार्गदर्शन से आज स्वस्थ्य जीवन जी रहे हैं। डाॅ रितू बांगरे, डाॅ गौरव शेलके, डाॅ राघवेंद्रसिंह, डाॅ किर्ती डांगोर, डाॅ शीला मकवाना, योगाचार्य निलेश ठाकरे ने भी मार्गदर्शन किया।इस मौके पर कोंढाली के सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजेश तिवारी तथाा युवा किसान पंकज खोडणकर धार्मिक कार्यक्रम लिये उ प्र के मिर्जापुर गये थे, वहां दो नाबालीक आदिवासी बालिकाओं को देहवव्यसाय के दलदल में पहूंचाने वाले महिला पुरूष दलालों के चंगुल से छूडाने के सराहनीय कार्य के लिये सत्कार किया गया। साथ ही माधव बाग के सभी डाक्टर, परिचारिकाओं तथा स्टाफ के साथ साथ तुमसर तथा कारंजा घाडगे के गुडमॉर्निंग संघटन के सदस्यों का भी सत्कार किया गया। इस अवसर पर समाजसेवी दुर्गाप्रसाद पांडे, राजेन्द्र खामकर बाभुलकर का भी सत्कार किया गया। हृदयरोग मुक्त भारत अभियान का आयोजन माधवबाग के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारी प्रशांत ठाकरे द्वारा किया गया था। कार्यक्रम का प्रास्ताविक प्रशासनिक अधिकारी प्रशांत ठाकरे, संचलन डॉक्टर रितू बांगरे, आभार डाक्टर निलेश ठाकरे आभार द्वारा किया गया।

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