राज्य में बढ़ती कोरोना ने सभी सरकारी एजेंसियों के होश उडा दिए है और प्रशासन अब बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। इसके लिए कलेक्टर रवींद्र ठाकरे के निर्देशानुसार पूरे जिले में सख्त कदम उठाए गए।
सबसे पहले, सभी दूध, सब्जी, अखबार, किराना और होटल व्यवसायों का परीक्षण करने के लिए बड़ी संख्या में उपाय किए जा रहे हैं।
साथ ही प्रशासन शादी समारोह, भीड़भाड़ वाले स्थानों, विशेष आयोजनों आदि पर कड़ी नजर रखेगा।यह सच है, लेकिन पिछले दो से चार महीनों से, नागरिको द्वारा जो लापरवाही बरती जा रही है , , जिस तरह नगरिक कोरोना के भय मन से निकालकर कोविड़ १९ के नियमो को ताक पर रखकर लोग बेखौफ्फ़ घूम रहे है।
सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और अखबारों में बढ़ते कोरोना प्रसंग और उससे होने वाली लोगो की मृत्यु की खबरों से कोई फर्क नहीं पड़ता, “अपुन को क्या” की भावना लोगों के मन में है और लोग हर जगह एक बड़े “कोरोना ब्लास्ट” की संभावना नकारी नहीं जा सकती ,
इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण तहसील के मुख्यालय सावनेर शहर का साप्ताहिक बाजार है, जिसे प्रतिदिन देखा जा सकता है।
शहर की मुख्य सड़कों पर नियमित और साप्ताहिक बाजार स्थानीय नगरपालिका प्रशासन के कर्तव्य का परिचय देता है और साथ ही मुख्य बाजार में भीड़ या सामाजिक दूरी पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। इसके समाधान के रूप में, पिछले दो दिनों से, शहर प्रशासन अनाउन्स मेंट कर अपने स्वयं की वाह वाहः कर रहा है।
स्ट्रीट की दुकानों में कोई सैनिटाइज़र नहीं है, कोई फेस मास्क नहीं है, कोई सामाजिक दूरी नहीं है ,ऐसा ही नजारा शहर के बैंकों में ह। अगर कोरोना का जल्द ही कोई बड़ा विस्फोट होने पर किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए, कोरोना महामारी की यह बढ़ती श्रृंखला वर्तमान में टूटती नहीं दिख रही है जब तक कि स्थानीय तहसील, शहर और पुलिस प्रशासन संयुक्त और कठोर कार्रवाई नहीं करते हैं तब तक कोरोना की चेन टूट टे नहीं दिखेगी ।