निवेदन द्वारा पालक मंत्री श्री सुनील केदार के पास शिकायत दर्ज कराई गई थी।

जरूरतमंद और गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए 108 हिंगणघाट उप-जिला अस्पताल  इसके लिए मोबाइल के जरिए एम्बुलेंस लिऐ कॉल की जाती है।उस समय संपर्क करने के एक से डेढ़ घंटे का समय लगता या कोई डॉक्टर नहीं है यह कारण दिया जाता है

108 कि सेवाएं प्रदान करने से बचते हैं, गहराई तक जाके पुछताछ करने पे चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध नहीं होने का कारण बताते हुए जानकारी दिये जाती है
विश्वसनीय जानकारी के अनुसार रिकॉर्ड पर महिला चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है, लेकिन अधिकारीक ड्यूटी पर नहीं पाये गये इस संबंधित रोगी की पुस्तक पर रोगी का टेलीफोन नंबर रहता तब रिश्तेदारों से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ए चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे क्या चिकित्सा अधिकारी के अनुपस्थित रहने पर भी चालक चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहने की गारंटी देता है। तब भ्रष्टाचार की प्रबल संभावना 108 कि रुग्णवाहिका सेवा में हो रहि सेवाग्राम या सवांगी में अस्पताल 108 एम्बुलेंस खडी है बताया जाता है । तब पेट्रोल पंप या ड्राइवर के घर के सामने एम्बुलेंस खड़ी की जाती हैं, जिससे निजी एम्बुलेंस को फायदा होता है।

हालांकि एंबुलेंस का संचालन बीवीजी कंपनी करती है, लेकिन इसकी निगरानी जिला स्तर पर जिला प्रबंधक करते हैं, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जिला प्रबंधक कौन है.
यह प्रणाली कौन है? बि व्हि जी इस गाड़ी पर कंपनी का नाम लिखा है लेकिन अगर आप 108 में शिकायत करते हैं, तो कोई दखल नहीं लेता है। केवल चालक ही एम्बुलेंस प्रणाली को अपने विवेक से संचालित करता है और ऐसे दिखता है। जरूरतमंद रोगी को इस सेवा का लाभ नहीं मिलने की शिकायत है। एसे में मरीज की जान जाने की संभावना रहती है। मामले की जांच कर चालक व चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की सामाजिक कार्यकर्ता मनोज निखाड़े ने मांग की है कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो उन्होंने भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी अपने निवेदन मे दी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *