निखिल मेश्राम हत्या मामले में कोर्ट का फैसला

नागपुर शहर के शांतिनगर में चर्चित निखिल मेश्राम हत्या के केस में 12 आरोपियों में से 7 आरोपियों को दोषी पाया गया. मंगलवार (7 फरवरी) को इन 7 दोषियों को उम्रकैद की सजासुनाई गई. बाकी 5 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. सेशंस कोर्ट के न्यायाधीश एस.बी. गावंडे का यह फैसला हाल के वक्त की सबसे बड़ी सजा के तौर पर माना जा रहा है जिसमें एक साथ 7 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

वॉइस :
जानकारी के अनुसार निखिल मेश्राम की हत्या के मामले में शांतिनगर पुलिस स्टेशन में 24 आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने इस मामले मेें 17 गवाहों के दर्ज हुए बयानों पर गौर किया. इसके बाद 7 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. जिन सात लोगों को उम्र कैद की सजा हुई है उनमें शंकर नाथू सोलंकी, देवीलाल उर्फ देवा नाथ सोलंकी, सूरज चेतन राठोड़, रमेश नाथूलाल सोलंकी, यश उर्फ गुड्डू हरीश लखानी, मिखान नाथूलाल सालाड और मीना नाथूलाल सालाड शामिल हैं जबकि विजय हरिचंद्र चव्हाण, गुड्डी लक्ष्मण राठोड़, किरण उर्फ सुगना देवीलाल सोलंकी, पिंकी नाथूलाल सोलंकी और रत्ना नाथूलाल सोलंकी को सबूतों के अभाव में बरी करदिया गया। इनके अलावा इस हत्या कांड में आरोपी लिप्त गीता चेतन राठोड़, माया शंकर सोलंकी, राजुरी हरिलाल परमार और धनश्री रमेश सोलंकी अब तक फरार हैं। इन फरार आरोपियों के खिलाफ केस की सुनवाई ही नहीं हो सकी. बाकी आरोपियों में से 8 नाबालिगों के नाम थे. सभी आरोपी एक दूसरे के रिश्तेदार हैं।

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